एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि भारत कभी भी इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में कंपनी या उद्यम-विशिष्ट इंसेंटिव प्रदान नहीं करेगा. अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला की ओर से देश में अपना कारखाना स्थापित करने के लिए विशेष रियायतों के दबाव के बीच यह बयान सामने आया है.

अधिकारी ने कहा, अगर सरकार को इंसेंटिव देने पर विचार करना है तो यह सिर्फ उन सभी ईवी निर्माताओं और प्रवेशकों के लिए होगा जो भारत आना चाहते हैं. अधिकारी ने कहा कि अमेरिका स्थित इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला की कस्टम ड्यूटी (सीमा शुल्क) रियायत की मांग पर अंतर-मंत्रालयी चर्चा हुई है. लेकिन “हम कभी” उन पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे.

टेस्ला ने 2021 में भारत से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर आयात शुल्क घटाने की मांग की थी. इस समय पूरी तरह से तैयार कार के आयात पर 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक शुल्क लिया जाता है.

अधिकारी से पूछा गया था कि क्या सरकार टेस्ला के लिए विशिष्ट रियायतों पर विचार कर रही है. इस पर उन्होंने कहा, ”कभी नहीं. किसी खास कंपनी के लिए ऐसा कभी नहीं होगा. ऐसा हमेशा सभी संस्थाओं, कंपनियों के लिए होगा. यदि कोई रियायत दी जाएगी, तो यह सभी के लिए काफी कड़े प्रदर्शन मानदंडों से जुड़ी होंगी. ऐसा कभी भी किसी खास उद्यम के लिए नहीं होगा.”

अधिकारी ने स्पष्ट किया कि शुल्क रियायतों और कंपनी से संबंधित अन्य खबरों में अटकलबाजी ज्यादा है. पिछले महीने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कैलिफोर्निया स्थित टेस्ला के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का दौरा किया था और कहा कि कंपनी भारत से अपने वाहन कलपुर्जों के आयात को दोगुना करेगी.