रायपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर स्मृति समारोह ‘कार्यान्जलि’ का आयोजन किया गया. जहां गांधी जयंती पर शहर को एक नई सौगात दी गई. सीएम रमन सिंह ने कार्यक्रम में पहुंचते ही केयूर भूषण स्मृति गाँधी परिसर का लोकार्पण किया. महात्मा गाँधी की स्मृतियों को अक्षुण रखने और खादी को बढ़ावा देने गांधी भवन का भी लोकार्पण किया.  इस दौरान कार्यक्रम में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री राजेश मूणत, मंत्री अजय चंद्राकर, सांसद रमेश बैस सहित तमाम बड़े नेता शामिल हुए हैं.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने भारत की संस्कृति के अमर सिद्धांत सत्य और अहिंसा को परिभाषित करते हुए आजादी की लड़ाई में इसे सिद्ध किया है. गांधी ने अस्पृश्यता और गरीबी से आजादी दिलाई. स्वच्छता को लेकर गांधी ने बड़ा अभियान चलाया. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार पर देश को खड़ा किया. उन्होंने कहा था जब गांव खड़े नहीं होगा तो देश विकसित नहीं होगा. सीएम ने कहा कि महात्मा गांधी को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर नहीं मिला, लेकिन केयूर भूषण जी को देखकर गांधी को हमेशा महसूस करता रहा हूं. आज दस हजार पंचायतों को ओडीएफ बनाने में सफलता अर्जित की है. हर पंचायत के ग्राम सभा में सबसे पहले स्वच्छता को लेकर चर्चा होती है. साल भर चलने वाला यह आयोजन हम सबको गांधी से जोड़ेगा.

प्रभुदत्त खेड़ा ने कहा कि मैं सीएम को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने गांधी जी को भूलने से बचा लिया. मैं उनसे आग्रह करता हूँ कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों के लिए कॉलेज खोल दे और हमारे स्कूल को मान्यता दे दे. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रभुदत्त खेड़ा के आग्रह को स्वीकार कर घोषणा करते हुए कहा कि छपरवा के स्कूल का शासकीयकरण किया जाएगा.

इस दौरान मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि महात्मा गांधी की मानवता के प्रति उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. दुनिया के किसी राजनेता के व्यक्तित्व को लेकर उतनी चर्चा नहीं हुई जितनी महात्मा गांधी की हुई है. रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय ने जब उनकी जन्म शताब्दी मनाई तब हम बच्चे थे. आज मुझे इस कार्यक्रम में शरीक होकर गौरवान्वित महसूस हो रहा है. जब कंडेल सत्याग्रह को समर्थन देने निकले तब कुरूद में उनकी सभा हुई थी जहां मैं पैदा हुआ था. उनके चिंतन में पंचायत सशक्त बनाया जाना था.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पंचायत की स्वच्छता का पहला कानून देश में बनाया कि वहीं पंचायत प्रतिनिधि चुनाव लड़ सकेंगे. जिनके पास शौचालय होगा. महात्मा गांधी के सपने को साकार करने की दिशा में रमन सरकार ने यह काम किया है. खाद्यान्न सुरक्षा का कानून बनाया है. पूरे देश को 2 अक्टूबर 2019 को तक स्वच्छ करना था, लेकिन छत्तीसगढ़ ने एक साल से पहले ही ये लक्ष्य प्राप्त कर लिया. महात्मा गांधी के संदेश को रमन सरकार ने स्वीकार किया. प्रशासन तंत्र में उन विचारों को स्थान दिया है.