रायपुर.मां शक्ति की आराधना और पूजा के दिन नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. चैत्र के नवरात्र का अपना खास महत्व है. बता दें कि हिंदू धर्म में चैत्र से नया साल शुरू होता है और इसकी गणना नवरात्र से की जाती है. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है.
नवरात्र के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है और प्रत्येक दिन मां के अलग अलग रूप की पूजा की जाती है.नवरात्र का समय ज्योतिषीय नजरिये से बहुत शुभ माना जाता है. मांगलिक कार्य के लिए नवरात्र के दिनों को सर्वोत्तम माना जाता है. किसी भी शुभ या नए काम की शुरुआत के लिए नवरात्र के नौ दिन बहुत अच्छे माने जाते हैं. नींव पूजन, गृह प्रवेश, फैक्ट्री लगाना और नए वाहन खरीदने जैसे सभी कार्य नवरात्र के दिनों में करना शुभ माना जाता है. ज्योतिषविदों के अनुसार 6 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पहले नवरात्र वाले दिन सुबह 8 बजे से 9:30 बजे के बीच शुभ चौघड़िया मुहूर्त चल रहा होगा. इसलिए छह अप्रैल को सुबह आठ बजे से साढ़े नौ बजे के बीच घट स्थापना के लिए श्रेष्ठ समय होगा. वास्तु शास्त्र की दृष्टि से किसी भी धार्मिक या पूजा कार्य के लिए ईशान कोण को ही सबसे अच्छा माना गया है. इसलिए अगर संभव हो तो नवरात्र में घट स्थापना अपने घर या पूजा स्थल के ईशान कोण की ओर करें. पूर्व और उत्तर दिशा में भी घट स्थापना की जा सकती है.