Dev Diwali: यह शुभ त्योहार कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार 15 नवंबर को पड़ रहा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने देवताओं को त्रिपुरासुर नामक राक्षस के आतंक से मुक्त कराया था. इस खुशी में देवताओं ने वैकुंठलोक में दीपक जलाकर जश्न मनाया. इसलिए इस त्यौहार को देव दिवाली कहा जाता है. इस दिन सबसे ज्यादा रौनक भगवान शिव की नगरी काशी में होती है. इसके अलावा यह त्यौहार हरिद्वार और प्रयागराज में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. दिवाली के दिन दान करने के फायदे दिवाली के दिन 11, 21, 51 और 108 नंबर पर दीप जलाने का विशेष महत्व है.
जिसमें दिवाली पर 5 जगहों पर दीप जलाना है
दिवाली के दिन सबसे पहले आपको अपने घर के मंदिर में दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव के मंदिर में दीपक जलाएं. इसके अलावा नदी के किनारे भी दीपक जलाना चाहिए. इसके अलावा यदि संभव हो तो अपने गुरु या विद्वान ब्राह्मण के घर दीपदान भी करना चाहिए. इस दिन पूर्णिमा तिथि होने के कारण पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन शाम के समय धान के खेत में दीपक जलाने से आपके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी. अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है. इस दिन दीप दान करने से भी आपके घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव दूर हो जाता है.
Dev Diwali: देव दिवाली के दिन घर में कहां दीपक जलाएं
दिवाली के दिन शाम के समय प्रदोष काल में तुलसी के पेड़ पर दीपक जलाएं. इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर दीपक जलाएं. अगर आप नदी किनारे दीपक जलाने नहीं जा सकते तो अपने घर की रसोई में किसी जल स्रोत के पास दीपक जलाएं. साथ ही इस दिन ईशान कोण में घी का दीपक जलाने और दक्षिण दिशा में चारों दिशाओं में तेल का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का खतरा दूर हो जाता है.
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