दिल्ली. प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों की उपेक्षा से क्षुब्ध छत्तीसगढ़ के शिक्षक एक बार फिर आंदोलन में कूद चुके हैं, शिक्षक संवर्ग के वेतनमान में व्याप्त विसंगति को दूर करने, केंद्र के बराबर मंहगाई भत्ता, पदोन्नति/क्रमोन्नति, दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा, CPS में 14% नियोक्ता अंशदान जैसे महत्वपूर्ण मांग को लेकर लगातार शासन-प्रशासन से मेलमिलाप और पत्राचार कर रहे है किंतु शासन द्वारा इन मुद्दों पर ठोस निर्णय नहीं लेने वे आक्रोशित होकर अब सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो रहे हैं.

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के समस्त प्रांतीय, जिला व ब्लाक पदाधिकारियों ने प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में वर्तमान में जारी सहायक शिक्षकों के आंदोलन के संदर्भ में एक वर्चुअल मीटिंग की और सर्वसम्मति से इस निर्णय पर पहुंची कि वेतन विसंगति दूर करने के लिए जारी आंदोलन को छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ समर्थन देता है. इसी क्रम में 17 दिसंबर के प्रस्तावित धरना को स्थगित कर उक्त दिवस पूरे राज्य में शाला बहिष्कार कर समर्थन देगा, साथ ही संगठन के पदाधिकारी साझा मंच बनाने की पहल करते हुए सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन मंच पर जाकर समर्थन देंगे व सभी संगठनों को एकजुट कर साझा मंच बनाने का प्रयास किया जावेगा और उसी साझा मंच द्वारा पूरे राज्य में तालाबंदी करेगी और प्रदेश के समस्त शिक्षक सन्गठन, UDT और व्याख्याता संवर्ग से मतभेद भुलाकर एकजुट होकर वेतन विसंगति दूर करने हेतु सहायक शिक्षकों का साथ देने की अपील करेगी.

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि आज तक हमको जो भी मिला है एकजुट होकर संघर्ष करने से ही मिला है, सरकार हमारी उपरोक्त मांगों को नजर अंदाज करते आ रही है और हमारे समवेत स्वर में संघर्ष न करने से हमारे लाभों से वंचित रखी है, छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ अपने सहायक शिक्षक साथियों की मांग पर मजबूती के साथ खड़ी है, चूंकि संगठन द्वारा 17 दिसंबर को राजधानी कूच करने की रणनीति पूर्व निर्धारित थी उसे साझा मंच बनाने हेतु स्थगित किया जा रहा है. इसलिए हम एकजुट होने के बाद साझा मंच द्वारा निर्धारित दिन से सहायक शिक्षक साथियों के आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हुए शाला बहिष्कार व तालाबंदी किया जाएगा, इस आंदोलन में सभी UDT और व्याख्याता साथी भी साथ आकर शाला सम्पूर्ण तालाबंदी में सक्रिय भूमिका निभावें. कर्मचारी उपेक्षा की इस विकट स्थिति में सभी शिक्षक संगठनों से भी आग्रह करता हु कि वे सभी तरह के मतभेद भूलकर पुनः साथ आए और एकजुट होकर संघर्ष करें.

महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने जानकारी दी कि 17 दिसंबर राजधानी कूच करने जानकारी ज्ञापन/मांगपत्र के जरिए प्रदेश के प्रमुख सचिव व समस्त कलेक्टर को सौंपे जा चुके हैं, और सन्गठन इसकी पूरी तैयारी कर चुकी है, परन्तु इसे शिक्षकीय एकता स्थापित कर साझा मंच बनाने हेतु स्थगित किया जा रहा है. हालांकि पूर्व में हम 1 दिवसीय धरना प्रदर्शन करने वाले थे किंतु अब पदाधिकारियों द्वारा सामूहिक अवकाश लेकर शाला बहिष्कार व आंदोलन मंच में समर्थन देने पहुचेंगे. वर्तमान में सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति दूर करने हेतु अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ हो चुका है, इसलिए अब शालेय शिक्षक संघ प्रदेश के समस्त सहायक शिक्षक साथियों के साथ खड़ा है और उनके आंदोलन को साझा मंच बनते ही पूर्ण समर्थन प्रदान कर संघर्ष करेगा.

प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, प्रांतीय उपाध्यक्ष सुनील सिंह, डॉ.सांत्वना ठाकुर, विष्णु शर्मा, सहसचिव सत्येंद्र सिंह, सन्गठन मंत्री विवेक शर्मा, जितेंद्र गजेंद्र, राजेश शर्मा, घनश्याम पटेल, अतुल अवस्थी, अजय वर्मा, जिलाध्यक्षगण प्रहलाद जैन, शिवेंद्र चंद्रवंशी, सन्तोष मिश्रा, दिनेश राजपूत, कुलदीप सिंह, शैलेष सिंह, प्रदीप पांडेय, रवि मिश्रा, संतोष शुक्ला, विनय सिंह, हिमन कोर्राम, दीपक वेंताल, भोजराज पटेल, भानु प्रताप डहरिया, यादवेंद्र दुबे, उपेंद्र सिंह, जोगेंद्र यादव, विनय सिंह, सर्वजीत पाठक, ओमप्रकाश खैरवार, कैलाश रामटेके, कृष्णराज पांडेय, पवन दुबे, करनैल सिंह, शशि कठोलिया, अब्दुल आसिफ खान, विक्रम राजपूत, गौतम शर्मा, मारुति शर्मा, अमित सिन्हा, द्वारिका भारद्वाज, दिनेश साहू आदि प्रांतीय, जिला व ब्लाक पदाधिकारियों ने अपील की है प्रदेश के समस्त शिक्षक संवर्ग एकजुटता के साथ मिलकर संघर्ष करेंगे तो निश्चित ही परिणाम हमारे पक्ष में होगा.