आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी हत्याकांड मामले में एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि शहीदों को मारने वालों का नाम हम जानना चाहते हैं। उनकी गिरफ्तारी हो, लेकिन केंद्र सरकार अड़ंगा लगा रही है। एनआईए जांच नहीं कर रही है और न हमको करने दे रही है।
छोटे-छोटे प्लांट की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री बघेल बुधवार को जगदलपुर पहुंचे हैं उन्होंने यहां लालबाग में झीरम शहीद स्मारक की आधारशिला रखा। इसके साथ ही मुरिया दरबार में मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात की लेकिन उनके निशाने पर भाजपा ही रही। उन्होंने कहा की भाजपा खामोश नहीं है। अंदर ही अंदर षड्यंत्र कर रही होगी। इसका पता भी आप लोग लगाइये। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, नगरनार का निजीकरण नहीं होना चाहिए। एनमएडीसी को प्लांट लगाने के लिए लोगों ने जमीन दी। निजीकरण रोकने के लिए अपने स्तर पर जो कार्यवाही होगी करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम नगरनार और टाटा जैसा बड़ा प्लांट नहीं लगाएंगे। बस्तर में छोटे-छोटे प्लांट लगेंगे, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। दंतेवाड़ा में 500 एकड़ जमीन है, कोंडागांव में है और जहां सरकारी जमीन खाली है वहां उद्योग लगेंगे।
सबसे बेहतर होगी बोधघाट पुनर्वास नीति
वहीं मुख्यमंत्री ने बोधघाट प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि बांध छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बनेगा। दुनिया की सबसे बेहतर पुनर्वास नीति को स्वीकृति दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव, नारायणपुर के लोगों को लाभ मिलेगा। ऐसा नहीं होगा, जैसा मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर है। बांध मध्य प्रदेश में बना है और फायदा गुजरात के लोगों को हो रहा है। सीएम ने कहा, इंद्रावती नदी यहां से जाती है और लाभ पड़ोसी राज्य लेते हैं। उन्होंने नदी पर बांध बना लिया, लेकिन प्रदेश के लोगों को कोई फायदा नहीं मिला है।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मां दंतेश्वरी के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचे। इसके बाद सिरहासार पहुंचे और बस्तर दशहरा के दौरान होने वाले मुरिया दरबार में शामिल हुए हैं। यहां पर सांसद दीपक बैज ने मुख्यमंत्री बघेल को पगड़ी पहनाकर स्वागत किय। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सांसद बैज की मांग पर दशहरा समिति से जुड़े सभी लोगों के मानदेय बढ़ाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री बघेल ने दशहरा समिति से जुड़े लोगों के वन अधिकार पट्टा नहीं होने पर उन्हें देने का निर्देश कलेक्टर को दिया है। कहा कि छह माह के अंदर ग्राम सभा कर पट्टे दिए जाएं। वहीं समिति में खाली पदों को भी छह माह में भरने और तहसीलदार परिसर में मांझी भवन के उन्नयन के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। इसके साथ ही मंदिर में शेड निर्माण के लिए भी 10 लाख रुपए की घोषणा की है।
मांझी को 2000 प्रति माह, चालकी को 1000 रुपए, सदस्य कार्यकारिणी को 1100 रुपए, साधारण सदस्य को 1500 रुपए वार्षिक, पुजारी को 3500 रुपए प्रतिमाह, राउत और सेवादार को 1750 रुपए, कैलादेवी पुजारी, राजुलवाली, भंडारी देवी पुजारी, बाजक वादक, मोरी बाजा वादक, पूजा विधान को 1500-1500 रुपए सालाना, जोगी को 15000 रुपए और दो रथ निर्माण के लिए अब 21-21 हजार रुपए मिलेंगे।