सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार कोविड प्रकरणों के उपचार व्यवस्था के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हेल्थ विभाग के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में होम आइसोलेशन की प्रक्रिया पहले डॉक्टरों पर लागू किया जाएगा। यह सफल होने पर कोरोना पॉजिटिव पाए गए केटेगरी सी के मरीजों को होम आइसोलेशन करने की अनुमति प्रदान की जा सकती है।

होम आइसोलेशन के लिए मरीज के घर में अलग हवादार कमरा और शौचालय होने पर ही उन्हें ओम आइसोलेशन की अनुमति दी जा सकती है। होम आइसोलेशन की संपूर्ण अवधि के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस हेतु नियुक्त स्वास्थ्य कर्मी प्रतिदिन मरीज और उनके अटेंडेंट से फोन के माध्यम से संपर्क में रहेंगे। जिन मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा उनके घर में किसी बाहरी ब्यक्ति का प्रवेश पूर्णतः निषेध रहेगा। घर के बाहर होम आइसोलेशन का स्टीकर भी चस्पा किया जाएगा।

मरीज को सांस लेने में कठिनाई, सीने में लगातार दर्द या दबाव हो या चेहरे का नीला पडना, आल्टर्ड सेंसोरियम इत्यादि जैसे गंभीर लक्षण विकसित होने की सूचना पर उन्हें तत्काल समीपस्थ डेडीकेटेड हॉस्पिटल में पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। आइसोलेशन के निर्देशों का मरीज तथा उनके परिजनों द्वारा अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु स्थानीय स्तर पर निगरानी दलों की व्यवस्था किया जाएगा। यदि मरीज द्वारा आइसोलेशन प्रोटोकोल के किसी भी निर्देश की अवहेलना की जाती है, तो उन्हें तत्काल केयर सेंटर शिफ्ट करते हुए अपने ही अंडरटेकिंग करने एवं एकेडमी के संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत उन पर कार्यवाही की जा सकती है। इस संबंध में मरीज के परिजनों और पड़ोसियों की भी समुचित काउंसलिंग की जाएगी। आइसोलेशन की पूरी अवधि में यह मरीज से समुचित दूरी बनाते हुए भी उनका मनोबल बनाए रखने में सहयोग करेंगे। इस संबंध में दिए गए विस्तृत दिशानिर्देश का अनुपालन किया जाना आवश्यक है।