रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार के कृषि सुधार संबंधी नए क़ानूनों को लेकर कांग्रेस के मंगलवार को राजधानी में निकाले गए पैदल मार्च को कोरोना काल में नौटंकी बताते हुए कहा है कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक इन विधेयकों में प्रावधान करने के बावज़ूद कांग्रेस अब झूठ की राजनीति कर किसानों को उकसाकर अराजकता फैलाने का कृत्य कर रही है। साय ने कहा कि जो बातें इन विधेयकों के प्रावधान में नहीं हैं, जो प्रावधान इन विधेयकों में नहीं होना चाहिए और नहीं हो सकते, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल के लोग उन्हीं बातों को लेकर देश को ग़ुमराह करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को याद दिलाया कि राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ की पहली कांग्रेस सरकार में भी वे मंत्री थे, जो सिर्फ़ पांच लाख मीट्रिक टन धान ख़रीदती थी, वह भी किसानों को प्रताड़ित करने और धान को पानी में डुबाने के बाद! आज ऐसे लोग उस भाजपा को समर्थन मूल्य पर ज्ञान बाँटने का हास्यास्पद उपक्रम कर रहे हैं जिसने प्रदेश में धान ख़रीदी को 80 लाख मीट्रिक टन तक पहुँचाया। साय ने कहा कि किसानों से अपने ही किए तमाम वादे से मुकरती कांग्रेस की सरकार भाजपा पर आरोप लगा रही है जबकि कांग्रेस सरकार को तो प्रायश्चित करना चाहिए और भाजपा को धन्यवाद देना चाहिए। दरअसल भूपेश सरकार में यह बैचेनी सिर्फ़ इसलिए है क्योंकि अब वह किसानों के आत्मसम्मान के साथ खिलवाड़ करके उन्हें खून के आँसू नहीं रुला पाएगी और आढ़तियों-बिचौलियों के जरिए होने वाली काली कमाई के रास्ते बंद हो जाएंगे। साय ने कहा कि आज अगर किसान भंडारण से संबंधित काले क़ानून से मुक्त रहते तो भूपेश सरकार उन्हें अपमानित और प्रताड़ित नहीं कर पाती जितना पिछले सीज़न में उसने किया। किसानों की फ़सल, ट्रैक्टर समेत ऐसे ज़ब्त कर रहे थे, मानो किसानों ने धान नहीं, गाँजे की खेती कर ली हो। मुक़दमे, गिरफ़्तारी और लाठी चार्ज भी भंडारण आदि के अपराध में कर रही थी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि नए कृषि क़ानूनों से अब किसानों में क्रांतिकारी रूप से आत्मविश्वास का संचार हुआ है। केंद्र सरकार ने किसानों की आर्थिक सुरक्षा के पक्के इंतज़ाम किए हैं और नए क़ानून के मुताबिक़ किसानों को तीन दिन के भीतर फ़सल की क़ीमत देनी ही होगी। साय ने कहा कि भूपेश सरकार को शर्मिंदा होना चाहिए कि पिछली फ़सल का पूरा भुगतान वह आज तक नहीं कर पाई है। कांग्रेसी ख़ुद को बादशाह समझ रहे हैं और गांधी-वाड्रा परिवार के जन्मदिन और पुण्यतिथि पर सौग़ात की तरह धान की क़ीमत का एक-एक हिस्सा देकर किसानों को अपमानित कर रहे हैं। ऐसा करने वाली कांग्रेस को नए कृषि क़ानून पर झूठ बोलकर भ्रम फैलाने में ज़रा भी शर्म महसूस नहीं हो रही है, जबकि भाजपा सरकार ने दाना-दाना ख़रीदकर 24 घंटे में पूरा भुगतान हमेशा किया था।  साय ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर झूठ और दुष्प्रचार की पराकाष्ठा की जा रही है। आज ही ख़बर है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने चालू खरीफ सत्र में धान ख़रीदी के लिए छत्तीसगढ़ को सबसे ज़्यादा पैसे दिए हैं। अभी-अभी प्रदेश सरकार को 09 हज़ार करोड़ रुपए मिले हैं, लेकिन झूठ-पर-झूठ बोलकर कांग्रेस अपनी कृतघ्नता का भद्दा प्रदर्शन कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि केंद्रीय पूल में पहले से क़रीब डेढ़ गुना ज़्यादा चावल ख़रीदने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। इसके लिए आभार मानने की राजनीतिक शिष्टता दिकाने के बजाय प्रदेश सरकार और कांग्रेस बेईमानी पर उतारू है। किसानों को पेंशन देने की बात कर सत्ता में आई प्रदेश सरकार ने आजतक धान की क़ीमत ही नहीं दी। अब किस मुँह से ये किसानों के हित की बात कर रहे हैं? साय ने कहा कि यह क़ानून बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने फ़सलों के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा की है। वह धान और गेहूँ आदि पर कांग्रेस के मुक़ाबले डेढ़ गुना ज़्यादा क़ीमत दे रही है, और फिर भी कांग्रेस किस तरह हरकत कर रही है, यह पूरा प्रदेश देख रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में मंडी टैक्स ख़त्म करने का वादा किया था। आज वह मंडी के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाकर हिप्पोक्रेसी की पराकाष्ठा कर रही है। साय ने कहा कि दशकों से स्वामीनाथन कमेटी के नाम पर रोटियाँ तोड़ते रहे कांग्रेसी अपने पूरे शासनकाल में उसकी रपट को दबाए बैठे रहे और आज जब केंद्र सरकार ने अपने कृषि क़ानूनों में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के बिंदुओं को शामिल कर लिया है, तब भी ऐसे लोग किसानों को बरगला रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि कांग्रेस की असली पीड़ा ही यही है कि फ़सल सोनिया गांधी की ख़राब हुई जा रही है। ज़मीन कांग्रेस की खिसक रही है। अब न तो उनके नेताओं के गमलों में करोड़ों की गोभी उगेगी, न ही सबसे बड़े कथित किसान वाड्रा होंगे। झूठ और ज़हर की खेती करते रहने वाली कांग्रेस की फ़सल को पाला मार गया है। अब किसान बंधु कभी इसकी ज़हरीली फ़सल उगने नही देंगे। ईर्ष्या से पराली की तरह जल-जलकर प्रदूषण फैला रही कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए साय ने कहा कि कांग्रेस जिन मुद्दों को लेकर अब तक बातें करती रही है, उन क्रांतिकारी सुधारों को लागू करके प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के सुनहरे भविष्य का दस्तावेज़ देश को सौंपा है। जो प्रावधान कांग्रेस को अपने शासनकाल में किसान-हितैषी व क्रांतिकारी लग रहे थे, वही प्रावधान अब कांग्रेस को काला क़ानून क्यों लगने लगे हैं? कहीं कांग्रेस इसे काला क़ानून बताकर अपनी काली कमाई के रास्ते बंद होने का मातम तो नहीं मना रही है? साय ने कहा कि कृषि विधेयकों का विरोध करके कांग्रेस यह साबित कर रही है कि किसानों के नाम पर कांग्रेस केवल राजनीति करती आई है और किसानों के बेहतर भविष्य की बात तो न उसने कभी सोची और न ही वह किसानों का भला कर सकती है।