शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने नई आबकारी नीति (MP New Excise Policy) को मंजूरी दे दी है। यह नीति अप्रैल 2022 से लागू होगी। लेकिन उससे पहले प्रदेश का सियासी पारा गर्म हो गया है। नई शराब नीति को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार को घेरते हुए कई सवाल उठाए। दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh) ने सीएम शिवराज ( CM Shivraj) के पुराने बयान और ट्वीट डालकर सरकार को घेरा। साथ ही भाजपा नेता उमा भारती (Uma Bharti) के भी पुराने ट्वीट को डालते हुए अपना वादा दिलाय़ा। 

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दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक कुल 6 ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने बीजेपी नेताओं की तुलना रावण से की । साथ ही लिखा कि- बीजेपी के भी रावण जैसे 10 मुख है। एक कुछ कहता है, दूसरा कुछ और तीसरा कुछ और कहता है। अब देखते है उमा भारती अपने इरादे पर पक्की है या नहीं।

पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि विपक्षी मे रहते शिवराज जी कुछ और बोलते थे। लेकिन ये इस सरकार के राज में राशन महंगा और शराब सस्ती होती जा रही है।

  

बता दें कि मध्यप्रदेश में नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू हो जाएगी। नई आबकारी नीति में अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी। वहीं विदेशी शराब सस्ती होगी। कैबिनेट ने घर पर शराब रखने की सीमा भी बढ़ा दी है।

नई शराब नीति की वजह से विदेशी यानी अंग्रेजी शराब सस्ती मिलेगी। इसके साथ ही सरकार ने घर पर शराब रखने की सीमा भी बढ़ा दी है। अब लोग मौजूदा अनुमति से 4 गुना ज्यादा शराब घर पर रख सकते हैं।

नई शराब नीति में विदेशी शराब पर 10%-13% तक ड्यूटी में कमी लाई गई है यानी अंग्रेजी शराब सस्ती होगी। साथ ही दुकानें कंपोजिट होंगी यानी एक ही दुकान पर अंग्रेजी और देशी दोनों शराब मिल जाएगी। नई नीति में फ्रेश बीयर के लिए भी पॉलिसी लाई गई है जिसके तहत भोपाल, इंदौर में माइक्रो ब्रेवरीज बनाई जाएंगी। माइक्रो ब्रेवरीज छोटी यूनिट होती हैं, जिनमें रोज 500 से 1000 लीटर शराब बनाने की क्षमता है। माइक्रो ब्रेवरीज प्लांट होटलों में लगाए जा सकते हैं. इनसे फ्रेश बीयर, कम एल्कोहल वाली शराब मिल सकेगी।

जानिए शराब पर और क्या-क्या निर्णय लिए गए ?

  • सभी जिलों की देशी/विदेशी शराब दुकानों का निष्पादन छोटे एकल समूहों के अनुरूप किया जा सकेगा.
  • समस्त मदिरा दुकानें कम्पोजिट शाप होंगी, जिससे अवैध मदिरा विक्रय की स्थितियां नहीं बनेंगी.
  • कलेक्टर और जिलों के विधायकगण की उच्च स्तरीय जिला समिति को उनके जिले की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप मदिरा दुकानों के अनुरूप भौगोलिक दृष्टि से स्थान परिवर्तन कर अधिकार होगा.
  • प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर प्रदेश में बनी वाइन पर डयूटी नहीं होगी.
  • देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था में प्रदेश के असवकों के मध्य जिलेवार निविदा बुलाई जा सकेगी. इस साल टेट्रा पैकिंग की दर भी बुलाई जा सकेगी.
  • राजस्व की क्षति रोकने के लिये ई-आबकारी व्यवस्था लागू होगी. इसमें मदिरा का ट्रेक एंड ट्रेस, क्यूआर कोड स्कैनिंग, वैधता का परीक्षण आसान होगा.
  • हेरिटेज मदिरा नीति. महुआ फूल से बनी शराब की पायलट परियोजना की अनुमति दी गई है. इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की उप समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा.
  • वर्ष 2022-23 में नये बार लाइसेंस की स्वीकृति शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कलेक्टर स्तर से ही की जाएगी.
  • पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर इको टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित इकाइयों, पर्यटन विकास निगम की अस्थाई स्वरूप की इकाइयों को रियायती दरों, सरल प्रक्रियाओं/मापदंडों के आधार पर बार लाइसेंस दिये जा सकेंगे.
  • सभी एयरपोर्ट पर विदेशी मदिरा विक्रय काउंटर खोला जा सकेगा.
  • इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालित करने के लिये लाइसेंस जारी किये जा सकेंगे.
  • इंदौर और भोपाल में माइक्रो बेवरीज खोलने की अनुमति दी जायेगी, लेकिन पर्यावरण, विदयुत विभागों और नगर निगम का अनापत्तिल प्रमाण पत्र जरूरी होगा.
  • शराब आयात की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा.
  • होम बार लाइसेंस दिया जा सकेगा. जिसके लिये 50 हजार रूपये वार्षिक लाइसेंस फीस होगी. इसकी पात्रता उन्हीं को होगी जिनकी सकल व्यक्तिगत आय न्यूनतम एक करोड़ हो.

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