रायपुर- मुख्यमंत्री निवास के सामने एक बेरोजगार युवक के आत्मदाह की कोशिश किए जाने के मामले में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. ब्यूरोक्रेट रह चुके बीजेपी नेता ओ पी चौधरी ने कहा है कि ये घटना बेहद दुखद है. यह प्रदेश की विस्फोटक स्थिति को बयां करती है. यह बताती है कि राज्य के युवाओं के बीच भारी हताशा और निराशा का माहौल है.

ओ पी चौधरी ने कहा कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने वादा कर सत्ता में आई सरकार में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती नहीं हो रही है, एसआई की भर्ती रूकी हुई है, शिक्षाकर्मियों की भर्ती का भी यही हाल है, पुलिस भर्ती का हाल सबने देखा है, जहां सरकार के आदेश को बदलते हुए हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, लेकिन भर्ती के लिए ली जाने वाली फिजिकल परीक्षा में गोला फेंक, ऊंची कूद जैसे प्रावधान जोड़ दिए गए, भ्रष्टाचार करने के लिए किया गया. यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई कि पारदर्शिता खत्म की जा सके.
बीजेपी नेता ने कहा कि जनघोषणा पत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को 2500 रूपए भत्ता देंगे, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद भी बेरोजगार युवाओं को 25 पैसे तक नहीं मिले. इन सबकी वजह से युवा हताश है, निराश हैं. मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह की कोशिश भी इसकी ही परिणिती है. ओ पी चौधरी ने कहा कि युवाओं को भावावेश को नियंत्रित करने की जरूरत है, डेमोक्रेटिक तरीके से लड़ाई लड़ना होगा.

टी एस सिंहदेव की हताशा बयां कर रहा है उनका ट्वीट

बेरोजगार युवक की आत्मदाह कर आत्महत्या किए जाने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के उस ट्वीट पर ओ पी चौधरी ने तंज कसा, जिसमें उन्होंने लिखा था कि मैं शर्मिंदा हूं, पर अटल हूं, हम आपके साथ हैं और साथ रहेंगे. चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में सभी इस ट्वीट के मायने जानते हैं, लोग जानते हैं कि जय-वीरू की जोड़ी को क्या हो गया है. सिंहदेव ने लोगों के बीच बैठकर जन घोषणा पत्र तैयार किया था, लेकिन आज उन्हें सुनने वाला कोई नहीं है. उनका ट्वीट उनकी इस हताशा को ही बयां कर रहा है.