पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपने 72 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए है, जिसके बाद से कहीं खुशी का माहौल है तो कहीं गम का माहौल बना हुआ है. दरअसल टिकट बंटवारे में भाजपा ने बिन्द्रानवागढ़ सिटिंग एमएलए संसदीय सचिव गोवर्धन माँझी की टिकट काट कर पूर्व विधायक डमरूधर पुजारी पर भरोसा जताया है. अंतिम समय तक टिकट मिलने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त गोवर्धन मांझी समेत अन्य दावेदार भारी आहत नजर आ रहे हैं.

गोवर्धन मांझी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि उन्हें टिकट नहीं मिलने का कोई गम नहीं है, लेकिन डमरूधर पुजारी को मिलने का भारी अफसोस हुआ है. मांझी ने आरोपो की झड़ी लगाते हुए बताया कि पिछली चुनाव में पुजारी विरोधी गुट के प्रत्याशी का प्रचार कर रहे थे. इसकी प्रमाणिक रिपोर्ट संगठन को किया गया था. इतना ही नहीं पार्टी से निष्कासित सोहन पोटाई के साथ सरकार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व भी किया. इस रैली में मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए थे. धुरुवागुड़ी में चक्का जाम भी किया गया. बीते पांच सालों में संगठन के विभिन्न कार्यक्रमों में पूरी तरह निष्क्रिय रहे. इन सभी बातों की जानकारी संगठन के पास भी थी, बावजूद उसके ऐसे व्यक्ति पर भरोसा किया गया. इससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा.

मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उठाउंगा संगठन की पीड़ा

गोवर्धन मांझी ने कहा कि मैं 31 हजार वोट से जीत दर्ज किया था, सरकार के योजनाओं का सफल क्रियान्वयन भी किया. सरकार की योजनाओं के बूते बिन्द्रानवागढ़ सीट बिजेपो का अजय सीट बन गया है. कोई भी प्रत्याशी हो यहां जीत सुनिश्चित है. अपनी पीड़ा संगठन व माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराऊंगा, जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसका निर्वहन करूंगा, लेकिन प्रचार में नहीं जाऊंगा.

इस बार था आखिरी उम्मीद

दूसरे दावेदार रामरतन माँझी ने कहा कि 20 साल से टिकट की मांग कर रहा हूँ, अब उम्र 60 से ऊपर हो गई है. यह मेरे लिये अंतिम अवसर था. रामरतन मांझी ने कहा कि विभिन्न संगठनों ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. उनके प्रत्याशी घोषित होने के बाद यहाँ का समीकरण बदलेगा. आने वाला समय ही तय करेगा वे क्या करेंगे.

दो से नहीं हो सकी बात

तीसरे प्रबल दावेदार भागीरथी मांझी ने कल से अपना मोबाइल बन्द किया हुआ है. मामले में प्रत्याशी डमरूधर पुजारी से सम्पर्क करने की कोशिश की गई पर उनसे अभी उनसे बात नहीं सकी है.

बगावत पड़ जाता है भारी

बिन्द्रानवागढ़ के बिसात में बीजेपी का बागी पार्टी के लिये हमेशा से भारी पड़ा है. पिछले 13 चुनाव में तीन मर्तबे इस सीट से कांग्रेस जीती है, तीनों बार बीजेपी के बागियों ने मैदान में ताल ठोका था जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा था. हालांकि अब तक किसी ने बगावत का एलान तो नहीं किया है, लेकिन ऐसा हुआ तो बीजेपी के मिशन 65 को झटका लग सकता है.

बहिष्कार का एलान भी सिर दर्द साबित होगा

बिन्द्रानवागढ़ सीट पर देवभोग तहसील का 80 फीसदी मत बीजेपी को जाता है, लेकिन इस बार मूलभूत समस्याओं को लेकर कई गांव ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. गाँव में सड़क की मांग को लेकर भेरिगुड़ा, परेवपाली ने अपने गांव में नेताओं का प्रवेश वर्जित कर दिया है. सेनमुडा घाट पर स्वीकृत पूल की मांग को लेकर 4 गांव के लोगों ने भी बहिष्कार की चेतावनी दिया है. पानी के बजाए दुरव्यवहार करने वाले सिचाई विभाग के एसडीओ के रवैये से नाराज टेमरा गांव के लोगों ने भी बहिष्कार की चेतावनी दिया है. ये सभी पोलिंग बूथ बीजेपी बाहूल्य मतदाता ग्राम है, जो वोट प्रतिशत को प्रभावित कर सकता है.