दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों के 5,000 शिक्षकों का अनिवार्य तबादला करने का आदेश दिया, जिस पर मंत्री आतिशी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को शिक्षकों के तबादले पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया और इस पूरी प्रक्रिया की जांच करने को कहा है.

 मंत्री आतिशी ने बताया कि यदि तबादले की प्रक्रिया में कोई भी भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार शिक्षकों का सम्मान करती है, उन्हें परेशान नहीं करती. अधिकारियों को यह स्पष्ट करना होगा कि ट्रांसफर पर रोक के बावजूद तबादले की प्रक्रिया क्यों की गई.

 11 जून 2024 को दिल्ली शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया था कि जो भी शिक्षक किसी भी सरकारी स्कूल में दस साल से ज्यादा समय से पढ़ा रहे हैं, उनका तबादला किया जाएगा. आतिशी ने कहा कि यह आदेश पूरी तरह से गलत है और यह केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल के खिलाफ है. 1 जुलाई 2024 को शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को इस आदेश को खारिज करने का निर्देश दिया गया था, फिर भी इसे लागू किया गया. अधिकारियों को इसका जवाब देना होगा.

 2 जुलाई की रात, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 5,000 शिक्षकों का तबादला आदेश जारी कर दिया, रोक के बावजूद ऐसा क्यों किया गया? क्या दिल्ली सरकार के अफसर ही स्कूलों का परिणाम खराब करना चाहते हैं? तबादले में हुए भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी.