Onam Festival: दक्षिण भारत में ओणम पर्व काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है और इसका दक्षिण भारत में विशेष धार्मिक महत्व है. Onam festival विशेषकर केरल में मनाया जाता है. ओणम पर्व 20 अगस्त से शुरू हो चुका है और यह पर्व 10 दिन तक चलेगा. मलयालम सौर कैलेंडर के अनुसार ओणम त्योहार चिंगम के महीने में शिरुवोनम नक्षत्र में मनाया जाता है और हिंदू कैलेंडर में इसे श्रवण नक्षत्र कहा जाता है. मलयाली भाई-बहनों द्वारा छत्तीसगढ़ में भी हर साल ओणम का त्यौहार उत्साह से मनाया जाता है.
किसी अन्य पर्व की ही तरह यह पर्व भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है और लोग एक दूसरे को हर्षोल्लास के साथ इस दिन गले लगाते हैं. इस साल यह पर्व 20 से 31 अगस्त तक मनाया जा रहा है. इसके हर एक दिन का अलग महत्व होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा महाबली ने देवताओं पर विजय प्राप्त की और तीनों लोकों पर शासन करना शुरू कर दिया. एक राक्षस राजा होने के बावजूद, महाबली एक परोपकारी शासक थे.
ओणम के 10 दिनों का महत्व
अथम
ओणम उत्सव की शुरुआत अथम से होती है. लोग अपने घरों को पीले फूलों से सजाते हैं जिन्हें पोक्कलम कहा जाता है. इस दिन से पर्व की शुरुआत होती है और इसका विशेष महत्व है.
चिथिरा
यह त्योहार का दूसरा दिन होता है. इस दिन लोग अपने पूरे घर की सफाई करते हैं. वे पोक्कलम में फूलों की एक और परत भी जोड़ते हैं और इस दिन गणपति स्थापना और पूजा का आयोजन किया जाता है.
चोधी
यह ओणम का तीसरा दिन है और यह परिवार के सदस्यों से मिलकर और उपहारों का आदान-प्रदान करके मनाया जाता है. इसमें नए कपड़े, जिन्हें ओनाकोडी कहा जाता है और आभूषण वितरित किये जाते हैं.
विशाकम
ओणम पर्व का चौथा दिन जिसे ओणम साध्य की तैयारी के लिए मुख्य माना जाता है. यह इस त्योहार का सबसे शुभ दिन माना जाता है.
अनिज़म
ओणम के पांचवें दिन, वल्लमकली नौका दौड़ पथानामथिट्टा में पंबा नदी तट पर अरनमुला शहर से आयोजित की जाती है. इस दिन को लोग मिलजुल कर मनाते हैं और एक -दूसरे को उपहार देते हैं.
थ्रिकेटा
ओणम का छठवां दिन परिवार अधिक उपहारों का आदान-प्रदान करने और प्रार्थना करने के लिए अच्छा माना जाता है.
मूलम
ओणम के सातवें दिन से मंदिर में लोगों के लिए विशेष दावत होती है और नृत्य और संगीत के अन्य उत्सव, जैसे पुली काली या कडुवा काली शुरू होते हैं.
पूरदाम
ओणम उत्सव का 8वां दिन महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन विष्णु जी के वामन अवतार और राजा महाबली की मूर्तियां मिट्टी से बनाई जाती हैं और पोक्कलम के केंद्र में रखी जाती हैं.
उथराडोम
उथराडोम यानी ओणम के नौवें दिन बड़े पैमाने पर उत्सव शुरू होते हैं. लोग पारंपरिक भोजन की तैयारी फलों और सब्जियों से शुरू करते हैं.
थिरुवोनम
त्योहार का 10 वां दिन ओणम उत्सव में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि पौराणिक राजा महाबली की आत्मा थिरुवोनम के दिन केरल आती है. इस दिन उत्सव सुबह जल्दी शुरू हो जाते हैं. इसी दिन ओणम का भव्य पर्व, जिसे ओणम साध्य कहा जाता है, भी तैयार किया और परोसा जाता है.
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