शिमला में एक कार्यक्रम के दौरान RSS के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार द्वारा दिए गए बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत-पाकिस्तान की वर्तमान सीमा हो सकता है ये भविष्य में बदल भी सकती है और यह रेखा पाकिस्तान के भीतर 100 से 150 किलोमीटर तक खिसक सकती है। उनका कहा है कि आने वाले समय में पाकिस्तान के भीतर से ही सिंध, बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे क्षेत्र आजादी या भारत में विलय की मांग को लेकर उठ खड़े हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है जब आज ये प्रेस कॉन्फेंस शिमला में हो रही है हो सकता है कि 5-10 साल बाद लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही होगी।

इसके अलावा आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने चीन की भारत विरोधी नीतियों को गंभीर खतरा बताते हुए कहा है कि चीन सीमाओं तक सीमित नहीं है वरन अब वह भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। शिमला में रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि चीन तिब्बत में तिब्बती समाज और बौद्ध संस्कृति को खत्म करने की साजिश कर रहा है और अब यही रणनीति भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी देखी जा रही है।

नेता ने दावा किया कि यह न सिर्फ जनता की इच्छा है, बल्कि भारतीय सेना, सरकार और देश की सामूहिक भावना भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, चीन और अमेरिका जैसे देश इस संभावना से डरते हैं कि भारत भविष्य में ऐसे हालात पैदा कर सकता है। साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि वर्तमान में पाकिस्तान की सत्ता से स्वयं वहां का पंजाबी समाज भी असंतुष्ट है और पीओके समेत कई क्षेत्र आज भारत की ओर देख रहे हैं।

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भारत में विलय की उठ सकती है मांग

नेता ने कहा कि पीओके भारत के साथ आना चाहता है, बलूचिस्तान आजादी के पक्ष में है, सिंध आजादी के साथ भारत में एकता की ओर झुकाव रखता है, जबकि पख्तूनिस्तान की स्थिति फिलहाल अस्पष्ट है। उन्होंने इसे आने वाले संभावित बदलावों का संकेत बताया।

सीमाओं से परे विचार की बात

शिमला में उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भविष्य की कल्पना नहीं, बल्कि एक व्यापक जन-इच्छा है, जिसे समय आने पर वास्तविकता में बदला जा सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत ऐसी परिस्थितियां बना सकता है जिनसे पड़ोसी देशों को डर है और भारत की सीमा विस्तार की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

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पाक, चीन और अमेरिका को डर

इंद्रेश कुमार ने कहा कि भगवान हमें इतनी लंबी जिंदगी दे कि हम यह सब देख सकें। आज आप यहां (शिमला) प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। एक दिन आप लाहौर में कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। पाक, चीन और अमेरिका को डर है कि भारत एक दिन ऐसे हालात पैदा कर सकता है। मैंने आपको एक साथ कई संकेत दिए हैं। यह सरकार, जनता, भारतीय सेना और इस इलाके की भी इच्छा है।

चीन सामरिक खतरा

आरएसएस नेता ने कहा कि चीन की हरकतें केवल सांस्कृतिक नहीं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी भारत के लिए खतरनाक हैं। उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि 1959 में तिब्बत और 1962 में कैलाश मानसरोवर पर कब्जा भारत की तत्कालीन कमजोर नीति का परिणाम था।

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सतलुज में आई बाढ़ के पीछे चीन

उन्होंने यह भी दावा किया कि हाल ही में सतलुज नदी में आई अचानक बाढ़ चीन की ओर से की गई परीक्षण गतिविधियों का नतीजा थी। उन्होंने कहा कि यह चीन के उस रवैये को दर्शाता है जिसमें वह प्राकृतिक संसाधनों का भी सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर से चीन-पाक गठजोड़ को झटका

इंद्रेश कुमार ने हाल ही में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के नौ सैन्य ठिकानों और चार आतंकी अड्डों को नष्ट किया गया जिसमें लगभग 100 आतंकवादी मारे गए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ये एयरबेस चीन के नियंत्रण में थे, जिससे चीन स्तब्ध और बौखला गया है।

भारत की कार्रवाई से घबराया चीन

इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज पाकिस्तान के भीतर सिंधी, बलूच, पख्तून और पीओके के लोग आजादी की मांग कर रहे हैं औऱ भारत की सैन्य कार्रवाइयों ने चीन-पाक गठजोड़ को बड़ा झटका दिया है।

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