भोपाल. नीति आयोग ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने भारत के विनिर्माण विकास में प्रदेश की सहभागिता पर कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि, देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है. विनिर्माण क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन करता है. यह घरेलू बाजार में माल की आपूर्ति सशक्त करने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और अर्थव्यवस्था की सुरक्षा व स्थायित्व के लिए भी आवश्यक है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव, कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में नीति आयोग की “भारत के विनिर्माण विकास में प्रदेश की सहभागिता” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने देश को अपनी सामर्थ्य पहचानने का अवसर प्रदान किया है. उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुशासन के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अभिनंदनीय है.

मोहन यादव ने कहा कि नीति आयोग ने देश की विकास प्रक्रिया को गति और निश्चित दिशा प्रदान की है. पंचवर्षीय योजनाओं के काल में अव्यवहारिक दृष्टिकोण और योजनाओं ने देश की प्रगति को प्रभावित किया. सकारात्मक सोच के अभाव में क्षमता, योग्यता व सामर्थ्य होते हुए भी देश में प्रतिभाएं घुटन महसूस करती थीं. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता के विश्वास के साथ योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश, खनन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है, यह नई नीतियां लागू करने के साहस और नवाचारों के परिणाम स्वरूप संभव हुआ है. अब सरकारें संबंधित समूहों से संवाद कर और उन्हें विश्वास में लेकर नीतियां क्रियान्वित कर रहीं हैं. हमारा अतीत सुशासन और बौद्धिक दृष्टि से बहुत संपन्न एवं समृद्ध रहा है. सम्राट विक्रमादित्य का सुशासन रामराज्य की याद दिलाता है.

कार्यशाला के शुभारंभ सत्र में नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम, तथा नीति आयोग के सदस्य सी. के. सारस्वत व श्री अरविंद विरमानी के वक्तव्य हुए. कार्यशाला में राज्यों में विनिर्माण क्षेत्र की बेस्ट प्रैक्टिसेज और विनिर्माण क्षेत्र में गैप एसेसमेंट पर सत्र रखे गए हैं. नीति आयोग के सदस्य, विषय विशेषज्ञ, विभिन्न राज्यों के अधिकारी और उद्योग जगत के प्रतिनिधि पृथक-पृथक सत्रों में अपने विचार रखेंगे. कार्यशाला का आय़ोजन आर्थिक सांख्यिकी विभाग, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है.

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