रायपुर- मुमकिन था कि व्हाटस एप पर भेजा गया मैसेज आम मैसेज की तरह ही खो जाता, लेकिन यह मामूली मैसेज नहीं था. इस मैसेज में एक सेकंड की न केवल अहमियत बताई गई थी, बल्कि इस मैसेज में देश की सबसे बड़ी स्मार्टफोन बांटे जाने की योजना का विचार भी छिपा था. इसका खुलासा आज उस वक्त किया गया जब रमन सरकार संचार क्रांति योजना के तहत रायपुर में मोबाइल तिहार मना रही थी.
मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने उस कहानी से रूबरू कराया, जो संचार क्रांति योजना के शुरू करने का आधार बनी. मोबाइल तिहार कार्यक्रम के दौरान अमन कुमार सिंह ने कहा कि- एक सेकंड लाइफ में बहुत बड़ा समय नहीं होता. एक मिनट में 60 सेकंड होते हैं. एक दिन में 86 हजार 400 सेकंड होते हैं, लेकिन एक सेकंड में गूगल में 37 लाख सर्च हो जाता है, यू ट्यूब में 43 लाख सर्च हो जाता है, एक सेकंड में एक करोड़ 80 लाख मैसेज एक्सजेंच हो जाते हैं, 3 करोड़ 80 लाख व्हाट्स एप मैसेज हो जाते हैं और लगभग 19 करोड़ ईमेल चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये आंकड़ा मैने एक बार मुख्यमंत्री को सुनाया था. 14 अप्रैल 2017 को जब लोक सुराज अभियान चल रहा था. हम रायपुर से नारायणपुर जा रहे थे, तब मैने इसे उनसे शेयर किया था.
अमन सिंह ने कहा कि -14 अप्रैल 2017 एक महत्वपूर्ण डेट हैं, क्योंकि इस दिन ही स्काई योजना का जन्म हुआ. हम जब हेलीकाॅफ्टर में नारायणपुर पहुंचे, तब सीएम ने गांव वालों से पूछा कि मांग क्या है? क्योंकि उनके पास स्कूल था, आंगनबाड़ी सेंटर था, सीएसटी था. गांव वालों ने मांग रखी कि उनके पास मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है. इसके बाद हम बीजापुर गए, वहां से सुकमा गए. तीनों जगह गांव वालों की मांग कनेक्विटी को लेकर थी. तब मुख्यमंत्री ने मुझसे पहली बार पूछा कि तुमने एक सेकंड के आंकड़ों के बारे में इतना कुछ बताया छत्तीसगढ़ में मात्र 29 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास मोबाइल है. तब मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसी कोई योजना लेकर क्यों नहीं आते कि हमारे प्रदेश के सभी लोग इस एक सेकंड की परिभाषा में शामिल हो सके.
अमन सिंह ने कहा कि उस दिन से हमने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया. हर पथ पर हमे चुनौतियां मिली. हर पथ में मुख्यमंत्री ने मार्गदर्शन दिया. पहली चुनौती जो हमारे सामने थी, जिसे हमने मुख्यमंत्री के सामने रखा. हमने कहा कि टेलीकाॅम केंद्र सरकार से जुड़ा विषय है, यह राज्य सरकार का विषय नहीं है. हम इस पर कुछ नहीं कर सकते. उन्होंने मार्गदर्शन दिया कि रेलवे कनेक्टिविटी के लिए जब मैने पीपीपी माॅडल पर काम शुरू किया, जो केंद्र सरकार का विषय है, तो आप लोग टेलीकाॅम के लिए इस माॅडल को क्यों नहीं अपना सकते. इस तरह से हमने पहला कदम उठाया. हमारी सोच थी कि बस्तर के सुदूर अंचलों में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी. मुख्यमंत्री ने हमारे ही आंकड़ों को दिखाया और कहा कि हमारे प्लेन एरियाज भी ऐसे हैं, जहां मोबाइल घनत्व बेहद कम हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना ऐसी बनाओ जहां पर अन कनेक्टेड क्षेत्र में भी कनेक्टिविटी पहुंच सके और जहां कनेक्टिविटी कम हैं, वहां बेहतर हो सके. लोगों को मोबाइल मिल सके. इसलिए हमने पहली बार ऐसी योजना बनाई कि मोबाइल वितरण कर हम कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगे.
…जब सीएम ने कहा मैं स्मार्टफोन यूज करता हूं, तो छत्तीसगढ़ के लोग क्यों नहीं
मोबाइल तिहार कार्यक्रम में अमन कुमार सिंह ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने यह मार्गदर्शन नहीं दिया होता, तो हम इस योजना को डिफाइन नहीं कर सकते थे. एक बार सरकार ने तय कर लिया कि योजना का क्रियान्वयन करना है, तो हमने कहा कि हम फीचर फोन बांटेंगे. मुख्यमंत्री जी ने पूछा कि ये फीचर फोन क्या होता है. उन्होंने मेरा फोन हाथ में पकड़कर कहा कि क्या ये फीचर फोन हैं. मैने कहा कि नहीं यह स्मार्टफोन है. मैंने उन्हें बताया कि आज देश में सौ करोड़ फोन हैं,लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा फीचर फोन 50 करोड़ भारत में है. सीएम साहब ने मुझे सपाट सा जवाब दिया और कहा कि तुम और मैं यदि स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो छत्तीसगढ़ का एक-एक रहवासी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करेगा. जिस छत्तीसगढ़ में मात्र पांच लाख स्मार्टफोन हैं,वहां हमने 50 लाख स्मार्टफोन के वितरण की योजना शुरू की. अमन सिंह ने कहा कि आज यदि एक रूपया खर्चा हो रहा है, तो 86 पैसा डेटा के लिए है और 14 पैसा फोन पर बात करने के लिए है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्काई योजना के तहत हम एक जीबी डाटा के साथ सौ मिनट काॅल यूजर्स को दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना के जनक, पालक, पोषक, प्रेरणा स्त्रोत मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह है.
स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी 26 जुलाई की तारीख
अमन कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी योजना को इससे बड़ा सम्मान नहीं मिल सकता कि भारत के प्रथम नागरिक उसका आगाज करें. 26 जुलाई का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा, क्योंकि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जगदलपुर में स्काई योजना का आगाज किया था.