ओड़िसा. इन दिनों ओड़िसा के गंजाम जिले के समुद्र तट में ओलिव रिडले प्रजाति के कछुओं को एक साथ बड़ी संख्या में देखा जा रहा है. इस प्रजाति के कछुएं प्रजनन के लिए भारतीय तटों का रुख करते हुए यहां पहुंचे है.

10 लाख से भी अधिक कछुए 13 हजार की लंबी दूरी तय करने के बाद ओड़िसा के समुद्र तट में अंडे देने के लिए पहुंचे है. ओड़िसा में आए इन मेहमानों की खातिरदारी के लिए सरकार ने भी पुख्ता इंतजाम है.

कछुओं के स्वागत-सत्कार की तैयारी

turtels


ओड़िसा राज्य के लिए ये हर साल होने वाली प्राकतिक घटना है जिसके लिए ओड़िसा सरकार ने खास इंतजाम किए है. जैसे ही इस बात की जानकारी मिली की कछुओं का आना शुरु हो गया है इनके मार्ग में आने वाली आवाजाही को रोक दिया गया. इनके अंडे देने के स्थान पर घोंसला बनाया गया है. अंडो की निगरानी के लिए फॉरेस्ट गार्ड है जो अंडो को इकट्ठे कर सुरक्षित जगह पर लाएंगे. बताया जाता है कि पिछले साल कछुओं की संख्या बहुत कम थी क्योंकि 2021 में कोई सामूहिक घोंसला नहीं बना था. वहीं, 2020 में गहिरमाथा और रुशिकुल्या दोनों तटों में सामूहिक घोंसले के लिए लगभग 7.30 लाख कछुए आए थे.

जानिए कहां से शुरु होती है इन कछुए की यात्रा

दक्षिण प्रशांत महासागर से इनकी यात्रा शुरु होती है धीरे धीरे करके ये ओड़िसा के तट पर पहुंचते है. हर साल लगभग हजारों मील की यात्रा तय कर ओड़िसा के तट पर अंडे देने आते है. बताया जाता है कि कछुएं जहां जन्म लेते है वे अपने अंडे भी वही देते है.वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती के चुंबकीय क्षेत्र और समंदर की लहरें इन कछुओं को इतनी लंबी दूरी तय करने में मदद करती हैं. चुंबकीय क्षेत्र उन्हें उस जगह आने को प्रेरित करता हैं, जहां की रेत को उन्होंने पहली बार देखा था.

इसे भी पढ़े – Bilaspur Highcourt: जींस-टॉप पहनकर पत्नी जाती है ऑफिस, पति ने कहा- पवित्रता भंग हो रही

मई माह में लौट जाएंगे कछुए

मई माह में जब कछुएं लौटेंगे तो अकेले नही बल्कि अपने नन्हें बच्चों को भी लेकर लौटेंगे. प्रजनन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद वापस लौटने की तैयारी करते है. नवजात ओलिव रिडले के लिए यात्रा बहुत अहम होती है.