
पंकज तिवारी, रायपुर। भगवान शिव की कृपा पाने भक्त तरह-तरह के जतन करते हैं. शास्त्रों के मुताबिक, शिव को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय रुद्राक्ष धारण करना है, क्योंकि माना जाता है कि रुद्राक्ष में स्वयं भगवान शिव का तत्त्व विराजमान होता है. रुद्र भगवान शिव का दूसरा नाम है.
शिव पुराण और पद्म पुराण में कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने मात्र से अधम व्यक्ति भी अपने जीवनकाल के अंत में स्वर्ग प्राप्त करता है. वहीं, अनेक वैज्ञानिक शोधों में भी इस बात के प्रमाण मिले हैं कि रुद्राक्ष धारण करने से तनाव, उच्च रक्तचाप, पीठ दर्द, गर्दन में दर्द, पैरों में दर्द और ह्रदय रोग जैसी परेशानियों से मुक्ति पाने में मदद मिलती है, और व्यक्ति शांत और प्रसन्नचित्त रहता है.
यही वजह है कि जिस व्यक्ति की धार्मिक आस्था न भी हो, उसे रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. शास्त्रों में किसी भी धर्म, जाति और लिंग के व्यक्ति को रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी गई है. प्राणीमात्र के लिए उपयोगी होने के कारण प्रकृति ने इसे धारण करने स्वयं ही छेद करके दिया है.

धार्मिक कारण
शास्त्रों के मुताबिक, त्रिपुरा राक्षस के वध के लिए भगवान शिव को अघोरा अस्त्र की आवश्यकता थी. इसके लिए उन्होंने एक हजार वर्ष तक खुली आंखों के साथ तपस्या की. इसके बाद जब उन्होंने नेत्र बन्द किए तब उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े. जिन स्थानों पर ये आंसू गिरे, वहीं रुद्राक्ष के वृक्ष पैदा हुए. इन पेड़ों के बीजों को ही रुद्राक्ष के रूप में धारण किया जाता है.
रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है. रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला शब्द है रुद्र अर्थात भगवान शिव और दूसरा शब्द है अक्ष अर्थात नेत्र. मान्यता है कि भगवान शिव के नेत्रों से जहां-जहां अश्रु गिरे वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उग आए.
रुद्राक्ष पर शोध
इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नॉलोजी, मुंबई में एक शोध का विश्लेषण है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को तनाव, उ’च रक्त चाप, हृदय रोग और अनेक दर्द से मुक्ति मिलती है. रुद्राक्ष को पानी को शुद्ध करने वाला तत्व भी बताया गया है. जग में पानी भरकर उसमें रुद्राक्ष के कुछ दाने डाल देना चाहिए. तीन से चार घंटे के बाद इस पानी को पीने से शरीर रोगों से मुक्त रहता है.
वैज्ञानिक मतानुसार, रूद्राक्ष में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गुण होते हैं, जिसके कारण इसमें अद्भुत शक्ति होती है. इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फ्लोरिडा के वैज्ञानिक डॉक्टर डेविड ली ने अनुसंधान के अनुसार रूद्राक्ष विद्युत ऊर्जा के आवेश को संचित करता है. इसी कारण इसमें चुंबकीय गुण विकसित होते हैं.
रुद्राक्ष का पानी पीने के फायदे
शिव पुराण में रुद्राक्ष को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण बाते बताई गई हैं. रुद्राक्ष का पानी पीने से और रुद्राक्ष की माला धारण करने से भगवान भोलेनाथ उनके भक्तों पर प्रसन्न होते हैं. तथा भक्तों पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती हैं. रुद्राक्ष से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती हैं. तथा काफी स्वास्थ्य संबंधी लाभ होता हैं.
- दिल को रखे हेल्थी- रुद्राक्ष का पानी पीने से दिल के संबंधित रोग नहीं होता. किसी भी प्रकार की मानसिक बीमारी भी नहीं होती हैं.
- नसों को रखे एकदम सही- रुद्राक्ष का पानी पीने से नसों से संबंधित कोई भी बीमारी नही होती. उनकी नसें हमेशा कार्य करती रहती है. बढती उम्र के साथ नसें कमजोर होती जाती है. लेकिन रुद्राक्ष का पानी पीने से ऐसा नही होता है. नसों में कमजोरी नही आती हैं.
- ब्लड प्रेशर को रखता है ठीक- ब्लड प्रेशर की तकलीफ वालों का ब्लड प्रेशर कभी भी नियंत्रण में नहीं रहता हैं. कभी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. तो कभी ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. ऐसी समस्या है तो रुद्राक्ष का पानी अचूक हो सकता है. यह ब्लड प्रेशर वाले लोगो के लिए बहुत ही कारगर उपाय हैं.
- स्मरण शक्ति बढ़ाता है- रुद्राक्ष का पानी पीने से दिमाग पर काफी अ’छा असर पड़ता हैं. इससे इंसान की याद शक्ति बढ़ती हैं. इसके अलावा दिमाग की एकाग्रता शक्ति भी बढ़ती हैं.
पढ़िए ताजातरीन खबरें
- ‘नए भारत’ का ‘नया उत्तर प्रदेश’… डिजिटल क्रांति और आर्थिक उन्नति की मिसाल बना UP, नीति आयोग ने दिया ‘फ्रंट रनर’ का दर्जा
- मोहम्मद शमी के समर्थन में उतरे देवबंदी उलेमा, मौलाना यासूब अब्बास और खालिद रशीद फरंगी, बोले- उनके पास रोजा न रखने का विकल्प, किसी को…
- Lalluram की खबर पर लगी मुहर : नम्रता सिंह निर्विरोध चुनी गईं जिला पंचायत अध्यक्ष, भोजेश बने उपाध्यक्ष
- कोयला खदान में बड़ा हादसा: स्लैब गरने से मलबे में दबे कई मजदूर, राहत और बचाव कार्य जारी…
- खतरे में सीएम नीतीश की कुर्सी, दिल्ली में हो रही तैयारी! बजट सत्र छोड़कर अचानक अमित शाह से मिलने पहुंचे विजय सिन्हा, जानें सियासी मायने
इसे भी पढ़ें :
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें