रायपुर. राज्य के हर नागरिक को शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा मुहैया कराना सरकार की प्रारंभिक जिम्मेदारी मानी जाती है. अपने निर्माण के समय छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती इलाकों में लोग तालाब, नदी और झिरिया का पानी पीकर गुजारा करते थे, जिससे अनेक बीमारियों का खतरा बना रहता था. राज्य बनने के बाद अलग अलग सरकारों ने इस स्थिति को सुधारने का प्रयास किया, लेकिन वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हर नागरिक का शुद्ध पेयजल मुहैया कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. शुद्ध पेयजल प्रदाय करने के लिये जल जीवन मिशन संचालित किया जा रहा है, जिससे राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों की तस्वीर बदलने लगी है.
आम जनता को जिन भी परेशानियों से हर दिन दो-चार होना पड़ता है, उन सभी समस्याओं पर छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार सूक्ष्मता से नज़र रखती है… यही वो वजह है जिसके कारण पिछले एक साल में ही राज्य में ख़ुशहाली बिखरने लगी है..भारत में जल संरक्षण और उसके समुचित प्रबंधन के लिए भी बहुत से सफल प्रयास किए गए हैं.. इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावी योजना है जल जीवन मिशन जिसे 2019 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था.. यह मिशन ग्रामीण भारत में हर घर तक नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है..जिस समाज में जल की कमी होती है, उसका प्रभाव विकास पर भी दिखाई देता है… जल जीवन मिशन की सफलता छत्तीसगढ़ की महिलाओं के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाने का काम कर रही है.. छत्तीसगढ़ राज्य, जो कि प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी समुदायों की समृद्ध भूमि है, इस मिशन का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है.. जल जीवन मिशन केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो ग्रामीण भारत के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है.. राज्य की साय सरकार के दिशा निर्देश पर छत्तीसगढ़ में इस मिशन से महिलाओं के जीवन को सशक्त और सम्मानजनक बनाया जा रहा है.. पानी की समस्या, जो कभी उनकी सबसे बड़ी चुनौती थी, अब उनके विकास की कहानी बन गई है.
जल जीवन मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अनेक परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका सीधा लाभ महिलाओं को मिल रहा है…जल जीवन मिशन का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक सुरक्षित और पीने योग्य जल की आपूर्ति करना है… “हर घर जल” के सपने को साकार करने वाला यह मिशन सिर्फ़ पानी की समस्या को हल नहीं कर रहा बल्कि समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का भी समाधान कर रहा है.
छत्तीसगढ़ राज्य , जहां ग्रामीण आबादी का बड़ा हिस्सा निवास करता है, यह मिशन बहुत महत्वपूर्ण है… छत्तीसगढ़ के सुदूर क्षेत्रों में, विशेष रूप से आदिवासी और पिछड़े इलाकों में जहां महिलाएं और लड़कियां जल लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी और इस काम में उनका समय और ऊर्जा दोनों खर्च होते थे… मगर सच तो ये है कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक संसाधनों और खनिज संपदा से भरपूर है, लेकिन राज्य के कई हिस्से ऐसे भी हैं, जहां पानी की उपलब्धता हमेशा से एक चुनौती बनी रही है…अमूमन ऐसा देखा गया है कि पानी लाने की जिम्मेदारी लड़कियों पर भी होती है, जिससे उनकी पढ़ाई भी छूट जाती है… जल जीवन मिशन के तहत लाभान्वित गांवों में नल के जरिये जल पहुंचने के कारण लड़कियों को स्कूल जाने का समय मिल रहा है और शिक्षा से उनका भविष्य संवर रहा है… महिलाओं का बहुत दूर से जल का लाना न केवल शारीरिक श्रम का कार्य था, बल्कि इससे उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा के अलावा उनके जीवन के अन्य पहलुओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता था…जल जीवन मिशन महिलाओं की स्थिति को बदलने में अपनी महती भूमिका निभा रहा है..पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करने से बची महिला अब छोटे-मोटे व्यापार, खेती या हस्तशिल्प जैसे कामों में समय दे पा रही हैं ..इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है.
जल जीवन मिशन की हितग्राही महिलाएं ग्रामीण इलाकों में जल स्रोतों की कमी और उनकी असमान उपलब्धता के कारण पहले अपने दिन का बड़ा हिस्सा पानी लाने में बिताती थीं.. गर्मियों के दिनों में स्थिति और गंभीर हो जाती थी..इन्हीं चुनौतियों को समझते हुए जल जीवन मिशन एक स्थायी समाधान प्रस्तुत कर रहा है.
गंदे पानी के उपयोग के कारण ग्रामीण इलाकों में डायरिया, पीलिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों का होना आम है, जिसका सबसे अधिक खामियाजा महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ता है..।गुणवत्ताहीन पेयजल से पेट और निस्तारी के लिए खराब जल के उपयोग से त्वचा संबंधी रोगों का खतरा रहता है.. राज्य की विष्णुदेव साय सरकार की पहल पर सफल होने वाला जल जीवन मिशन बहुत तेज़ी से इस समस्या को कम कर रहा है…स्वच्छ और पीने योग्य पानी मिलने से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है.. हर घर नल योजना के तहत गांव-गांव में पाइपलाइन बिछाई जा रही है और घर-घर नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं … दूरस्थ अंचलों में भी स्वच्छ जल उपलब्ध होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आ रही हैं.. साथ ही मेडिकल के खर्चों में कटौती भी हो रही है.. जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर में रोज प्रति व्यक्ति 55 लीटर जल की आपूर्ति की जा रही है.. घर तक जल की सुलभ और पर्याप्त पहुंच से महिलाओं के ‘किचन गार्डन’ (बाड़ी) के लिए भी पानी मिल रहा है.. इसके लिए उन्हें अब अतिरिक्त समय और श्रम नहीं लगाना पड़ रहा.. इस्तेमाल किए हुए जल का सदुपयोग करते हुए इससे वे अपनी बाड़ी में लगाए सब्जी-भाजी की सिंचाई कर रही हैं.. उनका यह काम परिवार के सुपोषण का द्वार भी खोल रहा है..
जल जीवन मिशन महिलाओं को समाज में एक नई पहचान दिलाने का काम कर रहा है.. इस मिशन के बाद बहुत सी ग्रामीण महिलाएँ पानी लाने वाली स्त्री नही बल्कि जल प्रबंधन और जागरूकता अभियान का हिस्सा बन गई हैं.. छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने जल जीवन मिशन के तहत बनने वाले जल प्रबंधन समितियों में भाग लेना शुरू किया है.. ये समितियां गांवों में पानी की गुणवत्ता और वितरण का ध्यान रखती हैं.. इससे महिलाओं में नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास बढ़ा है.. वे महिलाएं, जो कभी पानी के लिए संघर्ष करती थीं, अब जल प्रबंधन की नेता बन रही हैं.. यह बदलाव न केवल उनके परिवार और समुदाय को मजबूत कर रहा है, बल्कि एक बेहतर और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नींव भी रख रहा है… जल जीवन मिशन ने साबित कर दिया है कि जब जल का सही प्रबंधन होता है, तो केवल पानी ही नहीं, बल्कि जीवन भी बदलता है..सामुदायिक जागरूकता अभियान के तहत गांवों में महिलाओं को स्वच्छता, जल संरक्षण और जल की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है.. जल जीवन मिशन से लाभान्वित छत्तीसगढ़ के गांव राज्य के मुखिया को आभार व्यक्त करते नही थक रहे.
छत्तीसगढ़ के गांवों में उपलब्ध जल स्रोतों, जैसे नदी, झरने और तालाब, का उपयोग कर जलापूर्ति की जा रही है.. इससे स्थानीय रोजगार भी पैदा हो रहा है.. जल जीवन मिशन को पूरी तरह से लागू करने में और छत्तीसगढ़ के कुछ दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने में शासन को भी बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं.. सरकार इसके लिए आधुनिक तकनीक और अपनी दूरदर्शी सोच का बेहतरीन इस्तेमाल कर रही है… पानी की पाइपलाइनों और नल कनेक्शनों का रखरखाव सुनिश्चित करना आवश्यक है.. इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.. जल स्रोतों के अत्यधिक उपयोग से उन्हें सूखने का खतरा होता है.. इसके लिए जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित किया जा रहा है..छत्तीसगढ़ में हर घर में नल से जल पहुंचाने के जल जीवन मिशन का 79 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो गया है.. राज्य के 39 लाख 63 हजार 700 घरों में पाइपलाइन से पेयजल पहुंच रहा है.. मिशन की शुरूआत के बाद से अब तक करीब 36 लाख 44 हजार नए घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं.. प्रदेश में 4142 ऐसे गांव हैं जहां के शत-प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंच रहा है.
जल जीवन मिशन के अंतर्गत 19 जिलों में 77 प्रतिशत से अधिक काम पूरे कर लिए गए हैं.. हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए धमतरी जिले में मिशन का 98 प्रतिशत, रायपुर में 94 प्रतिशत, राजनांदगांव में 89 प्रतिशत, जांजगीर-चांपा में 88 प्रतिशत, दुर्ग और मुंगेली में 87 प्रतिशत, बालोद में 86 प्रतिशत तथा गरियाबंद और सक्ती में 85 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है..मिशन के तहत बेमेतरा में 84 प्रतिशत, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और बस्तर में 83 प्रतिशत, कबीरधाम और महासमुंद में 82 प्रतिशत, रायगढ़ में 81 प्रतिशत, कोंडागांव में 79 प्रतिशत, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 78 प्रतिशत तथा दंतेवाड़ा और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 77 प्रतिशत से अधिक काम पूर्ण हो चुके हैं… खारे पानी, भू-जल में भारी तत्वों की मौजूदगी या जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने की समस्या से जूझ रहे गांवों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम प्रगति पर है.. इनके माध्यम से 3234 गांवों के दस लाख से अधिक घरों में पेयजल के लिए सतही (नदी) जल पहुंचाया जाएगा.. जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए राज्य शासन द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के बजट में राज्यांश के रूप में 4500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
जल जीवन मिशन छत्तीसगढ़ में न सिर्फ़ महिलाओं को बल्कि समाज के हर वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है… भविष्य में इस मिशन के और व्यापक प्रभाव देखने को मिलेंगे.. इससे ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण का स्तर और बढ़ने, स्वच्छ जल उपलब्धता से स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कम होने,लड़कियों के शिक्षा स्तर में सुधार होने के अलावा जल संरक्षण के माध्यम से पर्यावरण संतुलन बना रहेगा.
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