रायपुर. महिलाएं समाज की धुरी होती हैं, मगर इतिहास साक्षी है कि हर युग में इनका दमन और शोषण होता रहा है. इस तथ्य के साथ ही साथ इस बात के भी भरपूर प्रमाण है कि जहां पर भी महिलाएं इतनी शक्तिशाली होती हैं कि वो अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सकें, वहां वो परिवार और समाज को भी सही दिशा दे पाती हैं. महिलाओं को उनका वास्तविक अधिकार देने वाला समाज हमेशा से विकास पाता रहा है. नारी शक्ति के मर्म को समझने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की योजनाएं भी महिला सशक्तिकरण को बल देने वाली हैं. इस आधार पर निर्विवादित रूप से ये कहा जा सकता है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ का विकास अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय होगा.

राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के सिर्फ विकास की ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और सशक्तिकरण पर भी बहुत काम कर रही है.. छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने 2024 में महिलाओं के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए जो भी योजनाएं शुरू की हैं उनका उद्देश्य महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूती प्रदान करना ही रहा है.. इन योजनाओं में ऐसी भी व्यवस्था की गई है कि महिलाएं न केवल अपने परिवार बल्कि समाज को भी सशक्त बनाने में अपनी भूमिका निभा सके ये योजनाएं महिलाओं के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और उनकी आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करने का माद्दा रखती है.

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता और आत्मनिर्भरता का सहारा देकर केवल एक वित्तीय मदद नहीं की बल्कि उन महिलाओं के अधिकार, आत्मविश्वास और आत्म शक्ति को बढ़ाने का काम भी किया है.. मार्च 2024 से दिसम्बर 2024 तक लगभग 70 लाख महिलाओं के खाते में 6530.41 करोड़ रुपये की राशि पहुंचाई जा चुकी है.. महतारी वंदन योजना अब एक आंदोलन बन चुकी है ..इस योजना से लाभान्वित महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने घर-परिवार में भी बराबरी से निर्णय ले पा रही हैं.. महिला स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देने में भी छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना कारगर साबित हो रही है..महिलाओं को हर महीने ₹1000 की आर्थिक सहायता देने वाली इस योजना से महिलाओं को उनके बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च करने में आसानी हो रही है. गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं की सेहत में सुधार के लिए भी ये राशि काम आ रही है…महिला और बच्चों में कुपोषण कम करने में भी ये योजना मददगार है.. इस योजना से लाभान्वित महिलाओं की सामाजिक स्थिति में भी सुधार देखी जा रही है.

गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के पोषण स्तर को सुधारने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को भी छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने बड़े पैमाने पर लागू कर दी है.. इस योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता से महिलाओं को प्रसव से पहले और बाद में दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं में सहूलियत हो रही है..गर्भावस्था के दौरान कुपोषण की समस्या से लड़ने में सहायता मिल रही है.. इस योजना से लाभान्वित प्रत्येक महिला ने इसे एक सकारात्मक पहल माना है.

महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर देने के लिए छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने महिला उद्यम क्रांति योजना की शुरुआत की जिसमें महिलाओं को 50% सब्सिडी के साथ ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है, जिससे महिलाएं अपना छोटा व्यवसाय शुरू कर आर्थिक रूप से मज़बूत हो रही हैं.. महिलाओं के लिए ऐसा प्रयास करने वाली ये राज्य की पहली सरकार होगी. शिक्षा और लिंग समानता को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई छत्तीसगढ़ शासन की बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ योजना.. ये योजना समाज में लिंग भेदभाव को समाप्त कर आज राज्य की बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन दे रही है .. इस योजना के चलते राज्य में बाल विवाह और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों पर स्वमेव नियंत्रण हो गया है… इस योजना की मदद से समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित की जा रही है…बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ योजना ने न केवल बालिकाओं को स्कूलों तक पहुंचने में मदद की है, बल्कि समाज में उनकी शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है… अब राज्य का हर परिवार बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

2024 में छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की… इस योजना में राज्य की महिलाओं को ड्रोन तकनीक की ट्रेनिंग दी जा रही है.. ड्रोन ऑपरेशन के माध्यम से महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों के द्वार खुल रहे और यह योजना ग्रामीण महिलाओं को नई तकनीकों से जोड़ने में मददगार भी साबित हो रही है.

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2024 में लागू की गई योजनाएं महिलाओं के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.. ये योजनाएं न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान भी दिला रही हैं.. हालांकि, इन योजनाओं के कार्यान्वयन राज्य सरकार को कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है.. कई महिलाएं शासकीय योजनाओं के बारे में पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं, जिसके कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पा रही हैं… कभी-कभी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटाने में परेशानी होती है…इन समस्याओं से निपटने के लिए भी विष्णु देव साय सरकार चुस्त व्यवस्था बना रही है.

कामकाजी महिलाओं की मजबूरियों को समझने वाली संवेदनशील विष्णुदेव साय सरकार ने छत्तीसगढ़ के 31 जिलों में 201 पालना केंद्रों की स्थापना की है.. इन केंद्रों की स्थापना से कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल में मदद मिल रही है और वे अपने काम में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर पा रहे हैं.. ये केंद्र केवल सुविधा नहीं, बल्कि हर बच्चे के अधिकार की भी रक्षा है जिसमें उसे सही देखभाल मिलनी चाहिए..विष्णुदेव साय सरकार ने बालकों के भविष्य को मजबूत करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के उन्नयन की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

छत्तीसगढ़ के बच्चों को पोषण, शिक्षा और समुचित देखभाल देने के लिए 4750 आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बना कर राज्य की साय सरकार ने कामकाजी महिलाओं को बहुत राहत देने का काम किया है… मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के नेतृत्व में आंगनबाड़ी अधोसंरचना से संबंधित पोर्टल तैयार किया गया है.. इस पोर्टल के बन जाने से आंगनबाड़ी केन्द्रों की अधोसंरचना संबंधी सभी जानकारी जैसे बिजली, पेयजल, शौचालय, निर्माण संबंधी नियोजन, कार्य की प्रगति का अनुश्रवण आदि मुख्य आधारभूत जानकारी राज्य स्तर पर एक क्लिक पर उपलब्ध है. जुलाई 24 से साय सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला हेल्पलाइन (181) का संचालन आरम्भ किया है… छत्तीसगढ़ के हर जिले में वन स्टॉप सेंटर का विस्तार भी महिलाओं को मजबूती और सुरक्षा देने का काम कर रहा है.. ये सुरक्षा केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और साहस का भी प्रतीक बना हुआ है.

भारत सरकार की मिशन शक्ति योजना के तहत राज्य महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) की स्थापना की गई है, जो महिलाओं के लिए समर्पित योजनाओं में प्रभावी समन्वय और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करती है… मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत, अब 50 हजार रुपये में से 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में भेजे जाते हैं और शेष 15 हजार रुपये सामूहिक विवाह आयोजन पर खर्च होते हैं.. इस साल अब तक 6543 कन्या विवाह सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुके हैं.. वहीं, पी.एम. जनमन योजना के तहत 17 जिलों में 48 हजार पिछड़ी जनजाति परिवारों का सर्वे किया गया.. इस पहल के अंतर्गत 70 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, 54 भवन निर्माणाधीन हैं और 2024-25 में 95 और केंद्र स्वीकृत किए गए हैं.. नियद नेल्लानार योजना के तहत बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों में 132 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं… बालक कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड के अंतर्गत राज्य के 33 जिलों में अध्यक्ष, सदस्य और सामाजिक सदस्य पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन और साक्षात्कार प्रक्रिया चल रही है, जिससे बच्चों और किशोरों की भलाई और सुरक्षा के लिए एक मजबूत संरचना तैयार हो रही है.

डबल इंजन सरकार ने 27 नवंबर 2024 से बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत की है.. यह सिर्फ एक कानून का कार्यान्वयन नहीं, बल्कि समाज की मानसिकता को बदलने का अभियान है… हर गांव और कस्बे में बाल विवाह के खिलाफ जनजागरूकता फैलाते हुए, सरकार द्वारा ने एक आदर्श स्थापित किया है.. विष्णु के सुशासन के एक वर्ष में छत्तीसगढ़ में नया आत्मविश्वास, एक नया विश्वास और एक नई दिशा दिखती है.. मुख्यमंत्री श्री साय की नीतियों और योजनाओं ने छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है.