नई दिल्ली . भारती इंटरप्राइज समर्थित संचार कंपनी वनवेब पृथ्वी की निचली कक्षा में 600 से अधिक उपग्रहों का समूह पूरा करने से महज एक कदम दूर है, जिससे अंतरिक्ष से दुनिया के कोने-कोने तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.
ब्रिटिश सरकार, भारती इंटरप्राइज, यूटेलसैट, सॉफ्टबैंक, ह्यूज्स नेटवर्क्स और हनव्हा द्वारा समर्थित वनवेब ने 50 डिग्री उत्तरी अक्षांश से ऊपर स्थित देशों अलास्का, कनाडा, ग्रीनलैंड, ब्रिटेन और उत्तरी यूरोप में अंतरिक्ष से इंटरनेट मुहैया कराने की सेवाएं शुरू की हैं.
ISRO को मिली बड़ी जिम्मेदारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization-ISRO) का प्रक्षेपण यान मार्क-3 (LVM3) 26 मार्च को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से वनवेब के 36 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में है. वनवेब के एक प्रवक्ता ने मीडिया से कहा है कि हम वैश्विक कवरेज पाने से एक प्रक्षेपण दूर हैं. इसरो/एनएसआईएल (ISRO/NSIL) के साथ इस आखिरी प्रक्षेपण से अंतरिक्ष में 600 से अधिक उपग्रह हो जाएंगे.
वनवेब के अनुसार 36 उपग्रहों का दूसरा बैच 26 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 9 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट एलवीएम3 द्वारा लॉन्च किया जाएगा.
आगामी लॉन्च वनवेब के लिए 18वां होगा.
36 उपग्रहों का पहला बैच 23 अक्टूबर, 2022 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से एलवीएम3 रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया था, जिसे पहले जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके3 (जीएसएलवी एमके3) के नाम से जाना जाता था.
वनवेब के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने पिछले अक्टूबर में कहा था कि इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के लॉन्च शुल्क के लिए दो चरणों में 72 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए वनवेब के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं.