रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति में पारित प्रस्तावों को कांग्रेस ने अपरिपक्व, पूर्वाग्रही और सत्ता रूढ़ पार्टी का दम्भ बताया है । मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस को विकास विरोधी बता कर प्रस्ताव पारित कर देने से भारतीय जनता पार्टी का विकास के नाम पर किया जा रहा  भ्रष्टाचार छुप नही सकता और न ही भाजपा के बेलगाम विकास का पागलपन खत्म हो सकता है । भाजपा के राज में विकास की आड़ में  संगठित भ्र्ष्टाचार का बोलबाला है ।

कोरबा के चोटिया में निर्माणाधीन पुल ढह जाता है एक मजदूर की मौत हो जाती है, सात मजदूर गम्भीर रूप से घायल हो जाते हैं, गरियाबंद में बिना लोकार्पण किये 10 करोड़ की लागत से बना पुल ढह जाता है, मुख्यमंन्त्री के निर्वाचन क्षेत्र का पुल भी उनके लोकार्पण करने के एक हप्ते के अंदर जर्जर हो जाता है, राजधानी का दम तोड़ता एप्रिल पार्क और राजनांदगांव का कागजों तक सिमटा फूड पार्क भाजपा के लंगड़े विकास के उदाहरण हैं. 100 करोड़ की लागत से 1 लाख चालिस हजार करोड़ के एमओयू भाजपा के इसी फर्जी विकास के कारण आज तक धरातल पर नही उतर पाया.  प्रदेश की 30 फीसदी खेती की जमीन उद्योगों के लिए अधिग्रहित कर ली गयी न उद्योग लगे न किसानों की जमीन वापस की गई. 31000 करोड़ का नान घोटाला ,अगस्टा हेलीकाप्टर घोटाला ,नकली दवा घोटाला, सिरपुर और भदौरा जमीन घोटाला भाजपा के पागल विकास की ही देन है.

छत्तीसगढ़ में  विकास सिर्फ भाजपा के चंद नेताओ का हुआ है और कांग्रेस  इन भ्रस्ट नेताओं के विकास का शुरू से विरोधी रही है.  अतः इनका कांग्रेस को विकास विरोधी बताना स्वाभाविक ही है. केरल पक्षिम बंगाल त्रिपुरा की सरकारों को लोकतंत्र विरोधी बताने वाली भाजपा अपने केंद्र सरकार के आचरण को देखे जिसने मणिपुर ,गोवा के जनमत का अपमान कर खरीद फरोख्त कर सरकार बनाया है. भाजपाइयों को केरल के हिंसा पर प्रस्ताव लाने की चिंता है बस्तर की हिंसा और रोज हो रही लोकतंत्र की हत्या पर भाजपा को चिंता नही है. ए