लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने जातिगत जनगणना की मांग पर गुरूवार को कहा कि सपा यदि इस संवेदनशील मसले पर गंभीर होती तो इसे अपनी सरकार के कार्यकाल में ही पूरा करा लेती. भाजपा सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि भाजपा सरकार में हर वर्ष बजट की केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है जिससे युवाओं, बेरोजगारों व गरीबों की उम्मीदें टूट कर बिखर रही हैं और आम जनता का जीवन लगातार लाचार व मजबूर बना हुआ है.

मायावती ने कहा कि जातिगत जनगणना के मामले में सिर्फ बसपा ही हमेशा से गंभीर रही है. जातिगत जनगणना की वकालत करने वाली सपा के लिए यह बेहतर होता कि यदि इस कार्य को अपनी सरकार में ही पूरा करा लेती, तो आज इनको भाजपा की सरकार से बार-बार यह मांग नहीं करनी पड़ती, जबकि बसपा चाहती है कि जातिगत जनगणना केवल अकेले यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश मे व एक साथ होनी चाहिए, ताकि जातिवार लोगों की संख्या की सही स्थिति सामने आ सके मगर इसके लिए केन्द्र की सरकार को ही आगे आना होगा.

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मायावती ने दावा किया कि सपा और भाजपा उत्तर प्रदेश में विकास के जिन कार्यों को अपना कहकर भुना रही है, उनमे से अधिकाशः कार्यों की रूपरेखा बसपा की सरकार मे ही तैयार कर दी गयी थी और काफी कार्य शुरू भी कर दिए गए थे. यूपी बजट को खोखला व जरूरतों के मुताबिक आधा-अधूरा बताते हुए उन्होने कहा कि बजट कैसा होगा, इसकी झलक राज्यपाल के अभिभाषण में ही दो दिन पहले मिल चुकी थी, क्योंकि यूपी भाजपा सरकार के उस नीतिगत दस्तावेज में ऐसा कुछ खास नहीं था जो लोगों के बेचैन व त्रस्त जीवन में थोड़ी सहूलियत व अपेक्षित राहत पहुंचा सके.

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