प्रमोद निर्मल, मानपुर-मोहला। नक्सल प्रभावित मदनवाड़ा क्षेत्र के रेतेगांव में ग्रामीणों ने प्राथमिक शाला भवन में ताला जड़ दिया है. बीते सात साल से महज एक शिक्षक पर गांव के 40 बच्चों के निर्भर रहने से परेशान ग्रामीणों ने यह कदम उठाया है. ग्रामीणों की अन्यत्र अटैच की गई स्कूल शिक्षिका रिलीव करने की मांग पर बीईओ ने उच्चाधिकारियों से बात करने का भरोसा दिया है.
दरअसल, रेतेगांव प्राथमिक शाला में पदस्थ एक शिक्षिका को वर्षों से सीतागांव के ट्राइबल हॉस्टल में अटैच कर के रखा गया है, जिसकी वजह से बीते सात सालों से स्कूल में करीब सात साल से एक मात्र शिक्षक के भरोसे 40 से अधिक बच्चों का अध्यापन बमुश्किल हो पा रहा है. गांव वालों ने अटैच शिक्षिका को वापस रेतेगाव में नियुक्त करने का प्रशासन से आवेदन-निवेदन किया, लेकिन किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली, ऐसे में हताश ग्रामीणों को शाला भवन में ताला जड़ना पड़ा.
ग्रामीणों से स्पष्ट किया कि भले ही कोरोना के चलते अभी स्कूल संचालन बंद हो, लेकिन शासन बाद में स्कूल खुलवाती भी है तो भी वे न तो स्कूल का ताला खोलेंगे और न ही बच्चों को स्कूल भेजेंगे.
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ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि प्रशासन सीतागांव हॉस्टल में अटैच की गई शिक्षिका को वापस रेतेगांव भेजे या फिर उनके बदले अन्य शिक्षक की नियुक्ति करे अन्यथा स्कूल का ताला वे नहीं खोलेंगे. इस मामले में मानपुर बीईओ नरेंद्र निरापूरे ने बताया कि उक्त शिक्षिका को कलेक्टर के आदेश पर रेतेगांव स्कूल से सीतागाँव हॉस्टल में अटैच किया गया है. जब तक ट्राइबल विभाग के सहायक आयुक्त उन्हें हॉस्टल से रिलीव नहीं करेंगे, तब तक वे शिक्षिका को वापस रेतेगांव स्कूल नहीं ला सकते. उन्होंने उच्च अधिकारियों से मामले पर चर्चा करने की बात कही है.
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