नई दिल्ली. केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा  ‘‘वेतनभोगी वर्ग कर अनुपालन वाला है. अन्य वर्गों को अभी इस बारे में अपना रिकॉर्ड सुधारने की जरूरत है. ’’ जेटली ने कहा कि ईमानदार करदाताओं को न केवल अपने हिस्से के करों का भुगतान करना पड़ता है बल्कि उन्होंने कर अपवंचना करने वालों के हिस्से की भी भरपाई करनी पड़ती है.

फेसबुक पोस्ट में जेटली ने लिखा है, ‘‘सिर्फ वेतनभोगी वर्ग ही अपने हिस्से का कर अदा करता है. जबकि ज्यादातर अन्य लोगों को अपने कर भुगतान के रिकॉर्ड को सुधारने की जरूरत है. यही वजह है कि भारत अभी तक एक कर अनुपालन वाला समाज नहीं बन पाया है. जेटली ने कहा, ‘‘मेरी राजनीतिज्ञों और टिप्पणीकारों से अपील है कि गैर-तेल कर श्रेणी में अपवंचना रुकनी चाहिए. यदि लोग ईमानदारी से कर अदा करेंगे तो कराधान के लिए पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा. बहरहाल, मध्य से दीर्घावधि में राजकोषीय गणित में कोई भी बदलाव प्रतिकूल साबित हो सकता है.’’

 पेट्रोल- डीजल के दाम को लेकर फिलहाल बड़ी राहत नहीं

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने  पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की संभावना को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इस तरह का कोई भी कदम नुकसानदायक हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे अपने हिस्से के करों का ‘ईमानदारी’ से भुगतान करें, जिससे पेट्रोलियम पदार्थों पर राजस्व के स्रोत के रूप में निर्भरता कम हो सके.