टुकेश्वर लोधी, आरंग। राज्य सरकार द्वारा 1 से 7 जून तक प्रदेशभर में ‘चावल उत्सव’ मनाने की घोषणा की गई थी। इस योजना के तहत 81 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों को जून, जुलाई और अगस्त तीनों महीनों का राशन एक साथ वितरित किया जाना था। लेकिन रायपुर जिले के आरंग क्षेत्र में योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
‘चावल उत्सव’ के 3 दिन बाकी, लेकिन यहां अब तक शुरुआत ही नहीं हुई
आज 5 जून है, लेकिन आरंग में अब तक ‘चावल उत्सव’ की शुरुआत तक नहीं हो सकी है। कई राशन दुकानों में ताले लटके हैं और हितग्राही केंद्रों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो राशन मिला है और न ही किसी अधिकारी से उन्हें संतोषजनक जानकारी दी गई है।
पुरानी ई-पॉस मशीन हो चुके हैं निष्क्रिय, नई अभी तक नहीं पहुंची
राशन वितरण की प्रक्रिया अब ई-पॉस मशीन से बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद ही संभव है। लेकिन आरंग क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों में पुराने ई-पॉस मशीन 1 जून से निष्क्रिय हो चुके हैं। नए मशीनों की आपूर्ति अभी तक नहीं की गई है, जिससे वितरण पूरी तरह ठप हो गया है।
खाद्य निरीक्षक बोले—मशीन नहीं मिलने से वितरण में बाधा
इस संबंध में खाद्य निरीक्षक राकेश साहू ने पुष्टि करते हुए बताया कि पात्र हितग्राहियों को जून, जुलाई और अगस्त महीने का चावल एक साथ दिया जाना है। उन्होंने माना कि मशीनों की आपूर्ति में देरी हो रही है, जिसके कारण वितरण शुरू नहीं हो सका। ठेका कंपनी द्वारा जल्द ही मशीन भेजे जाने की बात कही गई है।
प्रशासन की तैयारी पर उठे सवाल
सरकार ने जब इस योजना की घोषणा की, तो यह अपेक्षित था कि इसके लिए आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक तैयारियां पहले से सुनिश्चित की जाएंगी। लेकिन मशीनों की अनुपलब्धता और हितग्राहियों को जानकारी तक न मिल पाना यह दर्शाता है कि योजना के क्रियान्वयन में गंभीर लापरवाही बरती गई है।
‘चावल उत्सव’ की घोषणा तो जोर-शोर से हुई, लेकिन यदि हितग्राहियों को समय पर राशन नहीं मिला, तो यह उत्सव नहीं बल्कि चिंता का कारण बनता दिख रहा है।
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