रायपुर। पूर्व मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य मोहम्मद अकबर ने रमन सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता रमन सरकार के कुशासन से त्रस्त हो गई है. उन्होंने कहा कि इसका जीता-जागता प्रमाण लोकसुराज अभियान में मिले आवेदन हैं. अकबर ने साफ-साफ कहा कि साल 2017 में लोकसुराज अभियान में प्राप्त आवेदनों की संख्या अब तक के सुराज अभियानों में प्राप्त आवेदनों से कई गुना अधिक है. उन्होंने कहा कि लोक सुराज अभियान 2016 में प्रदेश के 27 जिलों से कुल 1,67,224 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे. इनमें से 1,61,690 आवेदन पत्र ‘मांगों’ से संबंधित थे और 5,443 आवेदन पत्र ‘‘शिकायतों’’ से संबंधित थे.
मोहम्मद अकबर ने कहा कि 2017 के लोक सुराज अभियान में कुल 28,51,831 यानि 17 गुना अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होना जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में रमन सरकार की विफलताओं का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार लोगों की इच्छाओं का ध्यान रखते हुए काम करती, तो इतनी संख्या में आवेदन पत्र नहीं मिलते. 2017 के लोक सुराज अभियान में प्राप्त 28,51,831 आवेदन पत्रों में से 27,83,992 आवेदन पत्र ‘‘मांग’’ विषयक और 67,839 आवेदन पत्र ‘‘शिकायत’’ विषयक थे.

सरकार जनआकांक्षाओं को पूरा करने में विफल- अकबर

मोहम्मद अकबर ने कहा कि अगर रमन सरकार का कामकाज अच्छा रहता, तो जनता संतुष्ट रहती और 27,83,992 आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुए होते. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिला कबीरधाम और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र वाले जिला राजनांदगांव में भी स्थिति बहुत ही खराब है.
अकबर ने कहा कि कबीरधाम जिले में 2016 में जहां केवल 194 आवेदन मिले थे, वहींं 2017 में 1,11,784 अर्थात 576 गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुए. राजनांदगांव में 2016 में कुल 11,664 आवेदन प्राप्त हुए थे, तो 2017 में कुल 1,98,475 यानि 17 गुणा अधिक आवेदन प्राप्त हुए.
अकबर ने कहा कि 2016 में चार जिलों बलरामपुर, बस्तर, बिलासपुर और मुंगेली में एक भी आवेदन पत्र नहीं आया था, लेकिन 2017 में इन जिलों में क्रमशः 56412, 87404, 309861 और 149077 आवेदन पत्र मिले. वहीं 2016 में जांजगीर और बीजापुर जिलों में केवल 28 और 9 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, लेकिन 2017 में 2,144,09 और 28,530 आवेदन आए.
उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र सुकमा, सरगुजा, सूरजपुर, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, कोरिया और कोंडागांव में भी बढ़ती हुई समस्याओं ने विकराल रूप ले लिया है और रमन सरकार यहां बुरी तरह से असफल रही है. अकबर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोक सुराज अभियान में असंतुष्ट जनता द्वारा लाखों की संख्या में मांग पत्र और शिकायतों का आवेदन देना ये भी साबित करता है कि हर साल सरकारी बजट से खर्च की जाने वाली हजारों करोड़ रुपए विकास के कार्यों में सही तरीकों से खर्च नहीं होकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते जा रहे हैं और सरकार के द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनसे जनता की बुनयादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं.
अकबर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के गुड गवर्नेंस और विकास के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं.