बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर पुलिस के ऑपरेशन-65 को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने पाकिस्तानी शातिर ठगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह देशभर में हजार से अधिक ठगी कर चुका है. पाकिस्तानी सरगना बड़े मामू (असगर) छोटे मामू (असरफ) और सलीम घटना को अंजाम देते थे. ना केवल देश के सभी राज्यों, बल्कि अन्य देशों को अपना निशाना बना चुके हैं. डिजिटल करेन्सी से रकम की हेराफेरी भी करते थे. पाकिस्तान, सऊदी अरब, मलेशिया से इनके तार जुड़ रहे है और अधिकतर हिन्दी भाषी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया है. पाकिस्तानी वाट्स-अप नंबर, इंडियन नंबर और सेकेन्ड लाईन नंबर से झांसा देते थे. इनाम, गिफ्ट, लाटरी का झांसा देना मुख्य तरीका-ए-वारदात था. 9 दिन से तक चला ‘ऑपरेशन-65’ को विभिन्न प्रादेशिक वेशभुषा, भाषा, रहन-सहन अपनाकर पुलिस को यह सफलता मिली है. इस पूरे मामले का खुलासा एसपी प्रशांत अग्रवाल ने किया है.

42 लाख किए गए जब्त

बिलासपुर के मामले में 3 नग लेपटाप, 13 नग मोबाइल, 15 लाख नगदी रकम, एटीएम कार्ड, पासबुक बरामद कर खाता में 27 लाख ब्लॉक कराए गए. इस तरह कुल 42 लाख रुपए जब्त किए गए हैं. इन आरोपियों की गिरफ्तारी मुबंई, मध्यप्रदेश, ओडिशा से हुई है. पुलिस ने आगे डिजिटल करेंसी ट्रेडिंग की जाँच करेगी. सभी खाताधारकों की जाँच कर पीड़ितों को अवगत कराया जाएगा.

10 दिन में मिली सफलता

पुलिस के मुताबिक जनवरी में पीड़ित जनकराम पटेल ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि मध्य पाकिस्तानी मोबाइल नंबर के जरिए फोन कर जियो लकी ड्रा के नाम पर 65 लाख रुपए ठग लिए. जिस पर महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज दीपांशु काबरा और पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने घटना की गंभीरता लेते हुए पुलिसकर्मियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साइबर और पुलिस की टीम गठित कर रीवा देवास, इंदौर, उडिसा, मुम्बई महाराष्ट्र भेजा गया, जहां टीम ने विराट सिंग का लगातार 10 दिनों तक पतासाजी कर मामले के संबंधित आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की.

वाट्सअप के जरिए करते थे बातचीत

जांच में पता चला कि ठग सिर्फ वाट्सप के माध्यम से विडियो/आडियो काल और चैटिंग के माध्यम से बातचीत करते थे. जीते हुए लॉटरी की रकम के लिए विभागीय प्रक्रिया के तहत अलग-अलग खाता नंबर का इस्तेमाल कर पैसा जमा कराते थे, जो अलग-अलग ब्रान्चों के होते थे. शिकायतकर्ता के पास आए नंबर की जांच की गई, तो पाकिस्तानी नंबर और भारतीय नंबर सेकण्ड लाइन नम्बर जिनकी लोकेशन पाकिस्तान में पाया गया. ठगों ने पीड़ित से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कोलकाता के 12 खाते में खातों में रकम जमा करवाया था.

ऑपरेशन मध्य प्रदेश

गठित टीम में से एक टीम रीवा (म.प्र.) में कैंप कर आरोपी विराट सिंग को घेराबंदी कर पकड़ा. आरोपी विराट ने बताया कि पाकिस्तान के छोटे मामू उर्फ असरफ और बडे मामू उर्फ असगर एवं सलीम के लिये काम करता है, जो कि पाकिस्तान से है. विराट सिंग से वाट्सप आडियो/विडियो काॅल और मैसेज के माध्यम से बातचीत होती है. पाकिस्तानी ठगों ने लोगों को लाॅटरी की लालच देकर ठगी करने के दौरान विराट सिंग द्वारा उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंको के विभिन्न खातों में रकम जमा करावाये जाता था. जिसकी सूचना विराट को वाट्सप चैट के माध्यम से दिया जाता था. जिसके बाद विराट सिंग द्वारा अपना कमीशन काट कर पाकिस्तानी ठग छोटे मामू उर्फ असरफ और बडे मामू उर्फ असगर एवं सलीम के द्वारा विराट सिंग को उपलब्ध कराये अन्य खातों में पेटीएम के माध्यम से रकम स्थानांतरित करने कहा जाता था. आरोपी विराट द्वारा अपने खाते के अतिरिक्त अन्य खातों की भी जानकारी एकत्रित कर उन्हें जमा रकम की 3 प्रतिशत की लालच देकर अपने झांसे में लिया जाता था. जिसमें से ज्यादातर मध्यप्रदेश के रीवा और देवास के खाता धारक हुआ करते थे. आरोपी विराट सिंग के निशादेही पर खाता धारक शिवम ठाकुर और संजू चौहान को मध्य प्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया.

ऑपरेशन मुबंई

विराट सिंग, पाकिस्तानी छोटे मामू और बड़े मामू ने राजेश और हर्ष जायसवाल के खाते में करीब 45 लाख रुपए ट्रान्सफर किया था. लिहाजा एक टीम मुबंई जाकर राजेश अग्रवाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि राजेश जायसवाल खातों का संचालन स्वयं करता है. इसके खाते में आए रकम को डिजिटल करेंशी बीट क्वाईन (बीटीएस ) तब्दील कर उपर भेजता है.

ऑपरेशन ओडिशा

एक टीम ओडिशा से जाकर डिजिटल पेमेंट सालूशन के संचालक सीता राम गौडा को हिरासत में लिया गया. जिसके निजी और डिजिटल पेमेंट सालुशन के नाम पर काते खोले गए. जिसमें करीब 15 लाख रुपए से ऊपर रकम जमा कराया गया था, जिसे फ्रिज करा दिया गया है.

ये हैं गिरफ्तार आरोपी

गिरफ्तार आरोपियों में विराट सिंग (21 वर्ष) रीवा जिले के सिरमोर का निवासी, शिवम ठाकुर (20 वर्ष) देवास के इटामा निवासी, संजू चौहान (20 वर्ष) देवासा के इटामा निवासी, राजेश जायसवाल (55 वर्ष) मुंबई निवासी, सीताराम गौडा (35 वर्ष) ओडिशा के गंजाम निवासी शामिल है. इसके अलावा 24 परगना पश्चिम बंगाल, गोपालगंज बिहार, बाखर हाट, पश्चिम बंगाल, कृषनगर धुबेलिया पश्चिम बंगाल, पश्चिम गाजियाबाद, हुगली चंदेर नगर हुगली, सूरत, उत्तरा-खण्ड सहित उत्तर प्रदेश में कई आरोपियों की पहचान की जा चुकी है. जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह को ध्वस्त किया जाएगा.

इनकी रही अहम भूमिका

बिलासपुर पुलिस को इस ऑपरेशन में मध्यप्रदेश पुलिस के रीवा देवास, इंदौर से मुंबई से यूनिट 2 की क्राइम ब्रांच की टीम से एवं गंजाम ओडिशा पुलिस का विशेष सहयोग रहा मिलता रहा. महानिरीक्षक बिलासपुर दीपांशु काबरा और पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने अंतराष्ट्रीय ठग गिरोह का पर्दाफाश करने वाले टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है. इस टीम में गौरव राय (परिविक्षाधीन आईपीएस), निरीक्षक कलीम खान, प्रभाकर तिवारी, मनोज नायक, निरीक्षक बृजलाल भारद्वाज, सउनि. शिव चंद्रा, गजेन्द्र शर्मा, बलबीर सिंह, संतोष यादव, धमेन्द्र साहू, नवीन एक्का, दीपक उपाध्याय, दीपक यादव, तदवीर पोर्ते, विकास राम, मुकेश वर्मा, राकेश बंजारे, सोनू पाल, राजेश नारंग, गोकुल जांगड़े, सन्दीप शर्मा, राजेश यादव और नकुल सिंह शामिल है.