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अमित पाण्डे, डोंगरगढ़। क्या आपने कभी सोचा हैं कि आपके शहर का एक मोबाइल दुकानदार, जो रोज मुस्कुराते हुए सिम कार्ड बेचता था, वो अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम रैकेट का बड़ा खिलाड़ी निकलेगा? जी हां, डोंगरगढ़ के रेलवे चौक स्थित ‘अज्जू मोबाइल’ के मालिक अजय मोटघरे की गिरफ्तारी ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है. आज जैसे ही साइबर पुलिस की टीम रेलवे चौक पहुंची, बाजार में हड़कंप मच गया. चंद मिनटों में अजय मोटघरे को गिरफ्तार कर लिया गया है. आस-पास के लोग दंग रह गए कि वही अजय, जो रोजाना मोबाइल रिचार्ज करता था, क्या वह वाकई में करोड़ों रुपये के साइबर फ्रॉड में लिप्त था? यह कार्रवाई ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत की गई है.
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जांच में चौंकाने वाले खुलासे
जांच के दौरान सामने आया कि अजय ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए हजारों सिम कार्ड जारी किए. हैरानी की बात ये है कि ये सिम कार्ड न केवल भारत में, बल्कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE), श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों में साइबर ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहे थे. पुलिस के अनुसार, अजय और उसके नेटवर्क के जरिए 7063 फर्जी सिम कार्ड और 590 मोबाइल फोन इस अपराध में उपयोग किए गए.
अजय पहले ग्राहकों का भरोसा जीतता और फिर उनका डबल थंब स्कैन और आई-ब्लिंक करता था. इसके बाद, उसी ग्राहक के नाम पर कई फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट कर देता. कुछ मामलों में केवल आधार कार्ड की फोटो कॉपी से ही सिम निकाल दी जाती थी. बाद में ये सिम कार्ड म्यूल अकाउंट संचालकों और दलालों को बेचे जाते थे, जो इन्हें अंतरराष्ट्रीय ठगी के लिए इस्तेमाल करते थे.
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ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत अब तक 98 आरोपी गिरफ्तार
इस सनसनीखेज मामले का खुलासा रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा के नेतृत्व में चल रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत हुआ है. इस अभियान में अब तक 98 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें म्यूल अकाउंट धारक, बैंक अधिकारी और पीओएस एजेंट शामिल हैं. अजय की गिरफ्तारी के बाद रेलवे चौक समेत पूरे बाजार में खामोशी छा गई है. इस अपराध में अजय के अलावा एयरटेल और जियो कंपनी के अन्य 12 पीओएस एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, अजय ने पूछताछ के दौरान कई बड़े नाम उजागर किए हैं, जिससे इस रैकेट के और भी बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं. पुलिस ने अजय को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
डोंगरगढ़ जैसे छोटे शहर में साइबर अपराध की इतनी बड़ी साजिश का खुलासा होना चौंकाने वाला है. यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि आम लोगों के लिए भी सबक है कि किसी को भी अपने दस्तावेज देने से पहले सतर्क रहें. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स और फर्जी ऑफर्स से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
- कुलवंत सिंह छाबड़ा (राजनांदगांव)
- खेमन साहू (राजनांदगांव)
- अजय मोटघरे (डोंगरगढ़)
- ओम आर्य (मुंगेली)
- चंद्रशेखर साहू (रायपुर)
- पुरुषोत्तम देवांगन (दुर्ग)
- रवि कुमार साहू (भिलाई)
- रोशन लाल देवांगन (दुर्ग)
- के. शुभम सोनी (दुर्ग)
- के. वंशी सोनी (दुर्ग)
- त्रिभुवन सिंह (भिलाई)
- अमर राज केशरी (भिलाई)
- विक्की देवांगन (दुर्ग)
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