सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में ऑपरेशन प्रहार के तहत सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में बड़ी तादात में माओवादी हताहत हुए है. जिन 6 नक्सलियों के मारे जाने की चर्चा जोरों पर थी, अब उनके अंतिम संस्कार की खबर आई है. पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ में एक दर्जन माओवादी घायल है, जबकि तीन की हालत गंभीर होने की सूचना है. हालांकि पुलिस को मौके से केवल एक ही नक्सली का शव बरामद हुआ है.

आपको बताते चले कि पुलिस को बड़ी संख्या में माओवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी. जिसके बाद 19 फरवरी को डीआरजी, एसटीएफ और कोरबा की संयुक्त पार्टी नक्सल ऑपरेशन को अंजाम दिया था. करीब 1400 जवानों ने तोंडामरका, दुरमा, कसलपाड़, पालोडी-टेकरी और बड़ेकड़ेवाल के जंगल में नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया और मुठभेड़ में 30 घंटे तक ऑपरेशन चलाया गया. पालोडी जंगल के टेकरी के पास मुठभेड़ में एक नक्सली को ढेर कर दिया गया. वहीं दूसरी ओर कोबरा 208 और एसटीएफ के जवान घायल भी हुए, जिसमें कोबरा 208 जवान की इलाज मौत हो गई थी.

एएसपी नक्सल ऑपरेशन सिद्धार्थ तिवारी ने बताया था कि पलोड़ी के पास नक्सलियों से आधा घंटा कोबरा 208 की, दुरमा के पास 206 कोबरा की, दुरमा के पास ही डीआरजी से और तुण्डमारका 2 घंटे मुठभेड़ हुई थी. कसालपाड़ में सबसे ज्यादा व भीषण मुठभेड़ हुई, जहां करीबन 2 घंटे के मुठभेड़ में नक्सलियों ने 5 सौ से 6 सौ यूबीजीएल बम दागे थे. नक्सलियों के पास बुलेट प्रूफ जैकेट और बुलेट प्रूफ हेलमेट दिखने को मिला.

पुलिस का कहना है कि नक्सलियों ने जगह-जगह एम्बुश लगा रखा था. तबाड़तोड़ बम भी दागे जा रहे थे और फायरिंग भी की जा रही थी. ऐसे हालात में सुरक्षाबल के जवान इनके एम्बुस को तोड़ते हुए आगे बढ़े और बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया. पुलिस का दावा है कि इस ऑपरेशन में 6 मारे गए हैं और उनका उन्हीं इलाके में अंतिम संस्कार की भी खबर आई है. हालांकि पुलिस नक्सलियों के अंतिम संस्कार की खबर को दावे में तब्दील करने से बचती नजर आई.

बता दें कि यह पहली दफा नहीं है जब जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया हो, इससे पहले भी कई बड़े ऑपरेशन चलाए जा चुके हैं. जिसमें जवानों को बड़ी सफलता भी मिली है. हाल ही में नक्सल समस्या को लेकर केंद्र की पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी हुई थी. बैठक में नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए रणनीति बनाई गई थी.