Operation Sindoor:  भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर (Abdul Rauf Azhar) को मार गिराया. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया है कि 7 मई 2025 को शुरू हुए इस ऑपरेशन में रऊफ सहित कई आतंकवादी मारे गए. यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी.

Abdul Rauf Azhar: आतंक का सरगना

अब्दुल रऊफ अजहर, जिसे मुफ्ती अजहर और सादा वावा के नाम से भी जाना जाता था, जैश-ए-मोहम्मद का अहम कमांडर और संगठन के संस्थापक मसूद अजहर का छोटा भाई था. 1 जनवरी 1977 को पाकिस्तान में जन्मा रऊफ 2007 से संगठन की कमान संभाल रहा था, जब मसूद अजहर भूमिगत हो गया था. उसने भारत और अफगानिस्तान में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. भारत ने 2020 में उसे UAPA के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया था, जबकि 2000 से इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस और 2010 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा वैश्विक आतंकवादी की सूची में उसका नाम शामिल था.

ऑपरेशन सिंदूर: कैसे हुआ हमला?

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय ‘मरकज सुवहान अल्लाह’ सहित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. 15 एकड़ में फैला यह मुख्यालय आतंकी गतिविधियों का केंद्र था. हमले में रऊफ अजहर के साथ उसकी बहन, बहनोई और कुल 14 परिजनों के मारे जाने की खबर है. सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिससे आतंकी संगठनों की कमान और नियंत्रण संरचना को भारी नुकसान पहुंचा.

Abdul Rauf Azhar का काला इतिहास

रऊफ अजहर कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था: 

IC-814 हाईजैक (1999): काठमांडू से दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक कर कंधार ले जाया गया. रऊफ ने इसकी साजिश रची, जिसके बदले भारत को मसूद अजहर सहित तीन खूंखार आतंकियों को रिहा करना पड़ा. 

भारतीय संसद हमला (2001): 13 दिसंबर को संसद पर हुए हमले में रऊफ की अहम भूमिका थी, जिसने भारत-पाक संबंधों में गहरा तनाव पैदा किया. 

पठानकोट एयरबेस हमला (2016): 2 जनवरी को वायुसेना स्टेशन पर हुए हमले में कई जवान शहीद हुए, जिसकी साजिश में रऊफ का नाम सामने आया. 

डैनियल पर्ल हत्या (2002): अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल का अपहरण और हत्या रऊफ के संगठन ने की थी. इस मामले में शामिल ओमर सईद शेख को IC-814 हाईजैक के बदले रिहा किया गया था.