पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor)की सफलता को स्वीकार कर लिया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ(Shahbaz Sharif) ने यह स्वीकार किया है कि भारत के जवाबी हमले में उनके कई एयरबेस, विशेष रूप से नूरखान एयरबेस, को नुकसान पहुंचा है. यह कबूलनामा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने आ चुका है. यह वही पाकिस्तान है जो पहले यह दावा कर रहा था कि कुछ भी नहीं हुआ है और अपने नागरिकों को धोखा देकर जीत का जश्न मना रहा था. अब वही पाकिस्तान यह स्वीकार कर रहा है कि उसे नुकसान हुआ है.
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वीडियो आया सामने
शहबाज शरीफ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें वह बताते हैं कि 9 और 10 तारीख की रात लगभग ढाई बजे, सिपासलाहर जनरल असिम मुनीर ने उन्हें एक सुरक्षित फोन कॉल पर सूचित किया कि भारत ने अपने बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्च किए हैं. इनमें से एक मिसाइल नूरखान एयरबेस पर गिरी है, जबकि अन्य स्थानों पर भी गिरने की जानकारी है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी वायुसेना ने देश की रक्षा के लिए स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया और चीनी लड़ाकू विमानों पर आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का सहारा लिया.
सबसे अहम एय़रबेस है नूरखान
नूर खान कोई साधारण एयरबेस नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान के VVIP और उच्च स्तरीय सैन्य विमानन का मुख्य केंद्र है. इसकी इस्लामाबाद के निकटता और डबल रोल के कारण, यह पाकिस्तान के सबसे संवेदनशील हवाई ठिकानों में से एक बन जाता है. अब तक के हमलों के बाद प्राप्त सभी सैटेलाइट तस्वीरें यह दर्शाती हैं कि भारतीय वायुसेना ने अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्यों पर हमला किया, और किसी भी स्थान पर कोई भी लक्ष्य चूकता हुआ नहीं दिखाई देता.
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नूर खान एयरबेस, जो इस्लामाबाद के निकट स्थित है, पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसे देश के प्रमुख VVIP एयर ट्रांसपोर्ट के लिए भी उपयोग किया जाता है. स्पेस कंपनी सैटलॉजिक द्वारा प्रदान की गई सैटेलाइट तस्वीरें, जो अर्थ इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म SkyFi के माध्यम से इंडिया टुडे को विशेष रूप से उपलब्ध कराई गई हैं, पाकिस्तान के इस प्रमुख एयर बेस पर हुई हालिया गतिविधियों के बारे में नई जानकारी उजागर करती हैं.
तस्वीरें पुष्टि करती हैं कि 10 मई को नूर खान बेस के पास एक सफेद G450 (G-IV-X) विमान लगभग 435 मीटर की दूरी पर मौजूद था. पाकिस्तान सरकार इस सफेद गल्फस्ट्रीम का उपयोग विशेष रूप से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विदेश मंत्रियों के लिए करती है. सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी स्पष्ट होता है कि भारतीय वायुसेना ने रावलपिंडी में एयरबेस को निशाना बनाकर एक कमांड और कंट्रोल यूनिट को नष्ट कर दिया.
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