रवि गोयल, जांजगीर। जिले में उचित मूल्य की दुकान संचालकों की विपदा की घड़ी में भी मुनाफाखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है. एक ओर राज्य शासन कोरोना संकट काल में गरीबों को दो माह का मुफ्त चावल दे रही है, वहीं दूसरी ओर इन दुकानों में ग्रामीणों से शक्कर और मिट्टी तेल का तय मूल्य से अधिक मूल्य लिया जा रहा है, जिम्मेदार अधिकारी भी इससे जुड़ी शिकायतों को रफा-दफा करने में लगे हैं.

ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत जेठा में देखने को मिला, जहां सरपंच द्वारा उचित मूल्य की दुकान का संचालन किया जा रहा है. ग्रामीण हीरा बाई ने बताया कि शक्कर का 20 रुपए प्रति किलो और मिट्टी तेल का 40 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से पैसा लिया गया है, जो तय दर से ज्यादा है.

इस संबंध में की गई शिकायत पर जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों ने सरपंच को ही बयान के लिए कुछ ग्रामीणों को बुलाने के लिए कहा और उनका ही बयान ले लिया, सवाल यह है कि क्या जिस सरपंच खिलाफ शिकायत है, वह अपने खिलाफ बोलने वालों को बयान देने के लिए बुलायेगा,

वहीं शिकायत के बाद अब सरपंच अपनी गलती को सुधारने के लिए शक्कर और मिट्टी तेल के लिए लिए गए अतिरिक्त पैसे ग्रामीणों के घर-घर जाकर वापस कर रहा है. इस बात की पुष्टि ग्राम की अंजना बाई करते हुए कहती हैं कि सरपंच के पुत्र शिवम ने शक्कर और मिट्टी तेल के लिए लिए गए अतरिक्त मूल्य को घर आकर वापस किया है.

इस संबंध में सक्ती एसडीएम सुभाष सिंह राज का कहना है कि पीडीएस वितरण प्रणाली को लेकर कई जगहों से गड़बड़ी की शिकायत मिली है, जिस पर खाद्य विभाग के अधिकारियों को जांच के लिए निर्देशित किया गया है. अगर कही कोई दोषी मिलता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. अब सवाल है कि जांच की जब गलत होगी तो कार्रवाई किस पर होगी.