रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ गोबर खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य होने के साथ-साथ गोबर खरीदी को लाभ में बदलने वाला पहला राज्य भी है. उन्होंने कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के साथ इसे और भी अधिक लाभप्रद बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए. गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाए. इसके साथ चारे के मामले में गौठानों को स्वावलंबी बनाने के साथ यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों एवं संग्राहकों को गोबर खरीदी के एवज में राशि, महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि और गौठान समितियों को 5 करोड़ 33 लाख रुपए की राशि का अंतरण करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों एवं संग्राहकों के खाते में क्रय किए गए गोबर के एवज में 27वीं किश्त के रूप में 1 करोड़ 74 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन अंतरित की. इस राशि को मिलाकर पशुपालकों और संग्राहकों को गोबर खरीदी की अब तक 100 करोड़ 82 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है. इस अवसर पर स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 1 करोड़ 41 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 2 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया.
स्व-सहायता समूहों को अब तक लाभांश की राशि के रूप में कुल 21 करोड़ 42 लाख रुपए तथा गौठान समितियों को 32 करोड़ 94 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है. स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को अब तक कुल 54 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. गोधन न्याय योजना से 1 लाख 74 हजार से अधिक पशुपालक और संग्राहक लाभान्वित हुए हैं. अब तक 50 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के अलावा दूसरी लाभप्रद गतिविधियां प्रारंभ करने की ओर बढ़ रहे हैं। कुछ जगहों में गौठान में गोबर गैस तैयार कर घरों में गैस सप्लाई का काम भी प्रारंभ हुआ है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाना चाहिए। यदि यह कार्य संभव होता है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ तेलघानी, लौह शिल्पकार, चर्म शिल्पकार एवं रजककार बोर्ड का गठन किया गया है. इन बोर्ड़ाें की गतिविधियां भी गौठान में प्रारंभ की जाएं, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों का संचालन एक निरंतर प्रक्रिया है, इसलिए गौठानों में निर्माण, संधारण और मरम्मत आदि कार्य लगातार करने की जरूरत है. सभी कलेक्टर्स इस विषय को सप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में शामिल कर गौठानों में संचालित गतिविधियों की निरंतर समीक्षा करें.
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इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. एस. भारती दासन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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