रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा में विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने की प्रयास किया. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि 19 हजार करोड़ का वित्तीय घाटा है. जब हमारी सरकार थी, 2400 करोड़ सालाना कर्ज लेते थे. आज की सरकार ने डेढ़ साल में 24 हजार करोड़ ले लिया. कर्ज़ के बोझ में राज्य डूबता जा रहा है. अनुमान है कि ये सरकार अपने कार्यकाल के खत्म होते होते 1 लाख करोड़ का कर्ज ले लेगी. बहुत ही खतरनाक और गलत दिशा में राज्य जा रहा है. इसका मतलब है कि विकास के काम कम होंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017-18 में पूंजीगत व्यय 10 हज़ार करोड़ से ज्यादा था. इस सरकार में 8900 और फिर 8800 करोड़ पूंजीगत व्यय हो गया. राज्य के विकास के लिए पीछे ले जाने वाला कदम है. इसे कहते हैं आमदनी अठन्नी खर्च रुपया. राजस्व व्यय में 2868 करोड़. पूंजीगत केवल 900 करोड़ से ज्यादा. इसका बड़ा हिस्सा तनख्वाह और अन्य खर्चो में जा रहा है. केंद्र सरकार बड़ा पैसा दे रही है. एक बार कर्ज़ लेकर मुक्त हो जाएं. इस समय किसान को पैसे मिल जाये यह जरूरी है.

उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के वादा करके आने वाली सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व उसी से मिल रहा है. तीन योजनाओं के लिए टैक्स शराब पर लग रहा है. केंद्र सरकार ने मनरेगा की राशि बढ़ाई है. केंद्र के पैसों से काम हो रहा है. इस बार कोरोना बजट होना चाहिए था, जहां कोरोना जांच नहीं ,है वहाँ लोगों की मौत हो रही है, और पता नही चल रहा. इस अनुपूरक में हेल्थ को सबसे ज्यादा उपेक्षित रखा गया है. आज 60 प्रतिशत मरीज प्राइवेट अस्पताल का सहारा क्यों ले रहे हैं. सरकार निर्णय ले कि हर मरीज का इलाज करेगी.

रमन सिंह ने कहा कि इस बजट को देखने का नजरिया है कि गरीब गरीब मूल्यांकन करेगा, तो उसे पीडा होगा. पीएम आवास के लिए एक रुपये का प्रावधान नहीं. 5 लाख से ज्यादा आवास मिट्टी में मिल जाएंगे. भारत सरका से मिलने वाली राशि 1450 करोड़ देने है. उसका प्रावधान होता तो 5 लाख परिवारों में खुशी लाने वाला होता. गाय की व्यवस्था की है, गरीब के रहने की भी व्यवस्था करते.

उन्होंने कहा कि आज 14580 बच्चे बीएड कर घूम रहे हैं. वे आत्महत्या के लिए मज़बूर हैं. युवकों में निराशा है. यदि वित्तीय प्रबंधन है तो किसानों का पैसा एक किस्त में क्यों नहीं देते. कर्ज क्यों लेते है. 7 लाख लोगों को पैसे क्यों नहीं दे रहे हैं. कोरोना वॉरियर्स के लिए कुछ योजना नहीं बनी. अनुपूरक में कर्ज लेकर क्या हो रहा हूं मालूम नहीं. राज्य की वित्तीय स्थिति चौपट हो रही है.

देवव्रत सिंह ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि किसान न्याय योजना और गौधन न्याय योजना समेकित विकास की ओर बढ़ रहा है. आर्थिक संकट के दौर में कृषि क्षेत्र को बहुत मजबूत करने की जरूरत है. इन दोनों योजनाओं से इसमें सशक्तिकरण मिलेगा. वेस्ट डी कंपोजर डी कंपोस्ट भर्ती इस योजना के लाभ आने वाले दो-तीन सालों में दिखेंगे हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार मिलेगा. छत्तीसगढ़ में चक्कर आना है, और यूपी में जो प्रॉब्लम उसमें बड़ा अंतर है. शासन ने तैयारी की है. एंटीबाडी टेस्ट किया है. उन्होंने जल जीवन मिशन के लिए सरकार का आभार जताया.

छत्तीसगढ़ में आर्थिक अराजकता

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अनुपूरक बजट पर कहा कि आर्थिक अराजकता छत्तीसगढ़ में निर्मित हुई है. गाइड लाइन में 3 प्रतिशत होना चहिये. ये सरकार 6.4 प्रतिशत तक पंहुच गई. रिज़र्व बैंक चाहे जो कहे, लेकिन वित्तीय स्थिति सबको पता है. 19 हजार करोड़ कर्ज लिया, लेकिन विकास क्या हो रहा है ? कर्ज के ब्याज पटाने के लिए इन्हें 360 करोड़ रुपया चाहिए. विभागों में कटौती के बाद भी विकास की दशा क्या है. एक भी ऐसी जगह नहीं जहां बिल्डिंग, स्कूल, अस्पताल बनते दिख रहे हों.

इस पर विनोद चन्द्राकर ने कहा कि क्या कर्ज़ माफ नहीं हुआ, 2500 रुपये मिला की नहीं, बिजली बिल हाफ हुआ की नहीं. इस पर पलटवार करते हुए धरमलाल कौशिक ने कहा कि बिल्कुल अपको अपने बच्चे से गोबर बिनवाना है. स्कूल में भेजना और डॉक्टर नहीं बनाना है. 2500 रुपये किसानों की डिमांड नहीं थी, सरकार ने सत्ता में आने के लिए घोषणा की थी. आपने कहा कि 2500 देना है तो वो कर्ज है. और दो किस्त आप देंगे वो कर्ज़ लेकर ही देंगे. आप एक ही बार कर्ज लेकर पैसे दे दीजिए. किसान को लाभ नहीं हो रहा है. धान का उठाव नहीं हुआ. दो बार ट्रांस्पोर्टिंग हुआ. विलम्ब का कोई न कोई कारण है. धान सड़ गया. धान की खरीदी ही नहीं हुई. कंप्यूटर ऑपरेटर नप गए, उनके ऊपर एफआईआर हो रहा है.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि 1 लाख हेक्टेयर धान के रकबे में कटौती कर दी गई. किसानों से 15 क्विंटल लिया जा रहा है, धान बेचने के नाम पर लाठी चार्ज हुआ, चक्का जाम हुआ. किसानों पर बर्बरता पूर्वक कार्यवाई की गई. किसानों के पम्प के कनेक्शन के लिए पम्प कनेक्शन का लक्ष्य निर्धारित करना पड़ता है. जुलाई तक 34 हजार आवेदन लंबित है, 10 हजार पम्प देने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार बिजली कनेक्शन देने की स्थिति में नहीं है. सौर सुजला योजना में 1 करोड़ की राशि विभाग में जमा है. पीएम आवास योजना में कार्य प्रारंभ न करने का मौखिक निर्देश है.

उन्होंने कहा कि कोनी घटकु में 100-100 टन रेत निकाला जा रहा है. जांजगीर में अधिकारी को भागना पड़ रहा है. धमतरी में माइनिंग अधिकारियों को पीटा जा रहा है. रेत माफियाओं पर किसका संरक्षण है. 15 जून से 15 अक्टूबर तक रेत नहीं निकाल सकते. शिकायत करने पर कार्यवाई दिखाने के लिए 5 हाइवा पकड़ कर दिखाते हैं. शराब की शिकायत करें तो प्लेसमेंट के कर्मचारियों को निकाला जा रहा है. शराब में पानी मिलाया जा रहा है. ओव्हर रेट में शराब बेचा जा रहा है.