Hindenburg On Madhabi Puri Buch: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) एक बार फिर से भारत में सुर्खियों में है। हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि SEBI चेयरमैन माधबी पुरी बुच की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। इसी कारण उन्होंने अडानी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। हिंडनबर्ग के दावे के तुरंत बाद केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर विपक्ष हमलावर हो गया है।
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शिवसेना (UBT) प्रियंका चतुर्वेदी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘हमें अब पता चला कि आखिर हमारी चिट्ठियों पर कोई जवाब क्यों नहीं दिया गया और वह संज्ञान में क्यों नहीं ली गईं। हमाम में सब नंगे हैं।
TMC नेता महुआ मोइत्रा ने भी कसा तंज
वहीं, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी X पर लिखा कि- यह सेबी का टकराव और कब्जा दोनों है। सेबी के अध्यक्ष अडानी समूह में एक अपारदर्शी निवेशक हैं। समधी सिरिल श्रॉफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमेटी में हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सेबी के पास सभी शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं।
जयराम रमेश ने भी कसा तंज
रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने भी X पर तंज किया है। हिंडनबर्ग के रिपोर्ट को एक्स पर शेयर करते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा कि- हिडेनबर्ग के ताज़ा खुलासे पर हमारा बयान।
वहीं टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने भी सेबी की स्वायत्तता पर सवाल उठाया है। उन्होंने X पर पोस्ट में लिखते हुए कथित एग्जिट पोल-स्टॉक मार्केट घोटाले का भी जिक्र किया।
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट क्या कहती है?
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़ी ऑफशोर एंटिटी में हिस्सेदारी है। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि ये संस्थाएं गौतम के बड़े भाई विनोद अडानी की ओर से रुपयों की हेराफेरी करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नेटवर्क का हिस्सा थीं। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक बुच की अगोरा पार्टनर्स नामक एक ऑफशोर सिंगापुर की कंसल्टिंग फर्म में 100 फीसदी हिस्सेदारी थी। 16 मार्च, 2022 को सेबी चेयरपर्सन के रूप में उनकी नियुक्ति के दो सप्ताह बाद उन्होंने चुपचाप अपने पति को शेयर ट्रांसफर कर दिए। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अडानी समूह के खिलाफ जांच करने में सेबी की “निष्पक्षता” “संभावित हितों के टकराव” के कारण ‘संदिग्ध’ है।
जनवरी 2023 अडानी ग्रुप पर चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की थी
बता दें कि जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति गौतम अडानी द्वारा नियंत्रित अडानी ग्रुप को टारगेट करते हुए एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद अडानी समूह के शेयरों में करीब $86 बिलियन की गिरावट आ गई थी। शेयर की कीमत में इस भारी गिरावट ने बाद में समूह के विदेश में सूचीबद्ध बॉन्ड में भारी बिक्री दर्ज की गई थी। साथ ही सेबी ने भी हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया था।
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