मुंबई पुलिस ने 1 नवंबर रात महा विकास आघाड़ी (MVA) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा निकाले गए विरोध मार्च ‘सत्याचा मोर्चा’ के आयोजकों पर कार्रवाई की है. अधिकारियों के अनुसार, यह मामला बिना अनुमति रैली निकालने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि रैली के लिए अनुमति नहीं दी गई थी, फिर भी विपक्षी दलों ने विरोध मार्च आयोजित किया.

कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) से गठित महा विकास आघाड़ी ने MNS के साथ मिलकर यह मार्च निकाला था. विपक्षी दलों ने दावा किया कि मतदाता सूचियों में अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फायदा पहुंचाया जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने ‘सत्य के लिए मार्च’ आयोजित किया, जिसे ‘सत्याचा मोर्चा’ नाम दिया गया.

नेताओं की मौजूदगी और रैली का मार्ग

यह मार्च दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर करीब एक किलोमीटर दूर स्थित बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) मुख्यालय पर जाकर समाप्त हुआ. रैली में प्रमुख विपक्षी नेता जैसे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के सुप्रीमो शरद पवार, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट शामिल हुए. विपक्षी नेताओं के भाषण के लिए एक ट्रक पर अस्थायी मंच तैयार किया गया था, जहां से नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा.

पुलिस की कार्रवाई

अधिकारियों ने बताया कि आजाद मैदान पुलिस थाने में आयोजकों के खिलाफ ‘अवैध रूप से एकत्रित होने’ और ‘मुंबई पुलिस द्वारा जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन’ करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. हालांकि पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कितने लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. फिलहाल जांच जारी है और पुलिस रैली से जुड़े वीडियो व साक्ष्य खंगाल रही है ताकि जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान की जा सके.

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