रायपुर. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान टीका टिप्पणी करना सत्तापक्ष को भारी पड़ा. विपक्षी सदस्यों की आपत्ति के बाद स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने संसदीय कार्यमंत्री को दो टूक निर्देश देते हुए कहा कि प्रश्नकाल के दौरान सत्तापक्ष को समझाइए कि बीच में टीका टिप्पणी न करें.

दरअसल, उच्च शिक्षा मंत्री के जवाब के बीच सत्तापक्ष के सदस्यों की टिप्पणी पर विपक्षी सदस्यों ने नाराजगी जताई थी. इस पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि यदि विपक्ष के सदस्य सवाल पूछे और शिवरतन शर्मा बीच में उठकर टिप्पणी करेंगे तो अमरजीत भगत को भी बोलने का अधिकार है. संसदीय कार्यमंत्री की टिप्पणी से विपक्षी सदस्य नाराज हुए.

स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार है, लेकिन अनावश्यक प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है. प्रश्नकाल खत्म होने के बाद भी विपक्षी सदस्यों ने इसे व्यवस्था का प्रश्न उठाया. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ट्रेजरी बेच आसंदी की व्यवस्था के बाद भी विपक्षी सदस्यों को प्रश्न पूछने में बाधा पैदा करे तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. अजय चन्द्राकर और शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रश्नकाल में बाधा डले, ये टले इसमें संसदीय कार्य मंत्री भी शामिल हैं.

बेरोजगारी भत्ता देने का मामला विचाराधीन

इसके पहले सदन में बीजेपी विधायक अजय चंद्रकार ने प्रश्नकाल में बेरोजगारी भत्ता का मामला उठाते हुए पूछा कि किस स्तर पर यह विचाराधीन है. उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का सदन में बयान देते हुए कहा कि रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का मामला विचाराधीन है. यह हमारे घोषणा पत्र का वादा है. इस पर विभागीय स्तर पर विचार किया जा रहा है कि इसे लागू कैसे किया जाए. मंत्री ने कहा कि 31 जनवरी 2019 तक की स्थिति में 18 वर्ष से ऊपर 23 लाख 4 हजार 618 पंजीकृत बेरोजगार हैं.