सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। संसद सत्र के पहले दिन प्रदेश में आज किसान संगठनों का प्रदर्शन शुरू हो गया. छत्तीसगढ़ में ये प्रदर्शन कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए हर गांव में आयोजित किया गया है. प्रदर्शन के जरिये केंद्र सरकार से पर्यावरण आंकलन मसौदे को वापस लेने, कोरोनाकाल में ग्रामीण गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न की मांग की गई. छत्तीसगढ़ में इन मुद्दों पर किसानों और आदिवासियों के बीच काम करने वाले 25 संगठन एक साथ सामने आए.

किसान संगठन अध्यक्ष संजय पराते ने बताया कि देशभर में किसानों के आंदोलन हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ में 25 से ज्यादा संगठन इस आह्वान पर एकजुट हुए हैं. आज संसद का सत्र शुरू हो रहा है और केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि जो तीन कृषि विरोधी अध्यादेश जारी किया गया है, उसे वे पारित भी करवाना चाहते हैं, उसे ना करवाए, जिसका काफी ज्यादा प्रभाव किसान समुदाय पर पड़ेगा.

वे खेती को मुक्त व्यापार के क्षेत्र में लाना चाहते हैं और कृषि के क्षेत्र में कॉरपोरेट को एंट्री देना चाहते हैं. आवश्यक वस्तु अधिनियम को भी खत्म करना चाहते हैं, जिससे कालाबाजारी व जमाखोरी बढ़ेगी वे सर्वजनिक वितरण प्रणाली को खत्म करना चाहते हैं, जिसका किसान संगठन विरोध कर रहा है.