रवि गोयल/सुशील सलाम, रायपुर. लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के सभी 10 सांसदों की टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को मौका दिए जाने का भाजपा का दांव उलटा पड़ता नजर आ रहा है. इस निर्णय के विरोध में पार्टी के भीतर से ही स्वर उठने लगे हैं.
जांजगीर लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसद कमला देवी पाटले के स्थान पर गुहाराम अजगल्ले को भाजपा आलाकमान ने टिकट दिया है. पार्टी के इस कदम का विरोध कोई और नहीं बल्कि सांसद पुत्र प्रदीप पाटले कर रहे हैं, वह भी खुलेआम फेसबुक पोस्ट के जरिए. प्रदीप पाटले ने स्थानीय प्रत्याशी की बजाए बाहरी को तरजीह दिए जाने पर पार्टी आलाकमान पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा में हार का ठिकरा सभी 10 सांसदों पर फूटा है,लेकिन जिनके ऊपर उक्त चुनाव की जिम्मेदारी थी, उनको उपाधि नवाजी गई, और लोकसभा भी उन्हीं के हाथ में दे दिया.
कांकेर में पूर्व बीजेपी विधायक ने खोला मार्चा
कांकेर लोकसभा सीट पर मोहन मंडावी को टिकट दिए जाने से नाराज बीजेपी की पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले ने शुक्रवार चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फॉर्म तक ख़रीद लिया है. वर्ष 200-13 तक कांकेर की विधायक रहीं सुमित्रा मारकोले का कहना है कि मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जन भावनाओं को देखते हुए चुनाव लड़ रही हूं, क्योंकि यहां पार्टी में जो काम कर रहे हैं, उनकी कोई इज्जत नहीं है. कार्यकर्ता वर्षों से इस भरोसे पर काम करते हैं कि उन्हें भी अवसर मिलेगा, लेेकिन जब बाहर से प्रत्याशी लाकर चुनाव लड़वाएंगे तो कहां से पार्टी के लोग काम करेंगे.
जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी
मारकोले ने कहा कि पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है. सालों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया है, जिसमे कभी पार्टी का झंडा तक नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि पार्टी के इस फैसले से वे संतुष्ट नहीं हैं, और अपने कार्यकर्ताओं के कहने पर अब वे निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं.
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