Mahakumbh stampede. मौनी अमावस्या से पहली रात को संगम में मची भगदड़ को लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रहा है. विपक्ष की तमाम पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही हैं, उनकी व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रही है. खासकर सरकार ने मृतकों के जो आंकड़े पेश किए हैं, उसे लेकर विपक्ष सरकार को आड़े हाथों ले रहा है. विपक्ष का कहना है कि सरकार ने जो आंकड़े पेश किए हैं उस पर भरोसा करना मुश्किल है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई है. लेकिन इस पर विपक्ष का कहना है कि ये आंकड़े भरोसा करने लायक नहीं हैं. राजद सांसद मनोज झा ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि कुंभ से जिस तरह की जानकारी और तस्वीरें सामने आई है वह बता रही है की घटना कितनी बड़ी थी, लेकिन सरकार के द्वारा जो 30 मौतों का आंकड़ा पेश किया गया है वह सच की असली तस्वीर सामने नहीं रख रहा है.
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आंकड़े सही नहीं लग रहे- अनिल देसाई
शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अनिल देसाई ने भी प्रयागराज की घटना पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि एक तरफ सरकार दावे कर रही थी कि करोड़ों लोगों के लिए इंतजाम किए गए हैं लेकिन इस घटना ने सरकार के दावों की कलाई खोल दी. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से मौतों का जो आंकड़ा पेश किया गया है वह सही नहीं लग रहा.
आंकड़े छिपा रही सरकार- अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश का कहना है कि सरकार मृतकों के आंकड़ों को छिपा रही है. सरकार महाकुंभ हादसे में जीवन गंवाने वालों की सूची जारी कर दे. यदि मृतक चिन्हित नहीं हैं तो उनके वस्त्र-चित्रादि माध्यम से पहचान करायी जाए. हादसों की सच्चाई और आंकड़े छिपाना अपराध है. कई लोग स्वजनों की तलाश में दर-दर भटक रहे है. उन्हें पता ही नहीं है कि उनके परिजन जिंदा है या नहीं. बता दें कि महाकुंभ क्षेत्र में मंगलवार रात 2 बजे अचानक भगदड़ मच गई थी. जिसमें अब तक 30 लोगों की मौत हुई है.
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सरकार ने घटना को स्वीकार ही नहीं किया है- रामगोपाल
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि महाकुंभ में बहुत ही दर्दनाक घटना हुई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रशासन की घोर लापरवाही से यह घटना हुई है. आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक यूपी सरकार ने घटना का होना ही स्वीकार नहीं किया है. पूरे देश के लोग महाकुंभ में आए थे. सरकार ने अभी तक मृतकों के आंकड़े जारी नहीं किए है. सभी लोग अपने परिजनों को लेकर चिंतित है. तरह-तरह की बातें सामन आ रही है. जिस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहा है. उसे देखकर लोगों का हृदय कांप रहा है. इतना सब होने के बावजूद सरकार मृतकों की संख्या जारी नहीं कर रही है. लोग असमंजस की स्थिति में है कि उनके परिजन किस हालत में है. इससे यह स्पष्ट होता है कि आंकड़े छुपाए जा रहे है.
डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी थी जानकारी
बता दें कि डीआईजी वैभव कृष्ण ने घटना के कई घंटों बात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंकड़ों की जानकारी दी थी. जिसके मुताबिक मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई. 60 लोग घायल हैं, जिनमें से 19 गंभीर रूप से घायल है. सभी घायलों का इलाज जारी है. भगदड़ के बाद कुल 90 लोगों को अस्पताल ले जाया गया था. मरने वालों में 25 लोगों की पहचान की जा चुकी है. 5 की पहचान की जा रही है. घटना की वजह बैरिकेड्स के टूटने को बताया है. कोई VVIP मूवमेंट नहीं था. आगामी बड़े पर्व या स्नान पर कोई VVIP मूवमेंट नहीं होगा. हालांकि, इस दौरान अधिकारी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए थे. विजय किरण आनंद बिना जवाब दिए निकल गए. प्रशासन की लापरवाही पर श्रद्धालुओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है.
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