पंजाब/दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि 4 साल तक सेना में रहने के बाद पेंशन भी नहीं मिलेगी. यह सेना का अपमान है. केंद्र इस फैसले को तुरंत वापस ले. बता दें कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध हो रहा है. कई जगह पर ट्रेनों को फूंक दिया गया है. रेलवे ट्रैक जाम कर दिए गए हैं और छात्र सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज पंजाब के संगरूर में इस योजना को लेकर विरोध-प्रदर्शन हुआ है. सीएम सिटी संगरूर में आज हाथ में तिरंगा लेकर युवा सड़कों पर उतर आए. उन्होंने कहा कि उन्हें यह 4 साल की भर्ती वाला फॉर्मूला मंजूर नहीं है. सरकार पहले ही तरह ही रेगुलर भर्ती करे. उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि तुरंत इस फैसले को वापस ले, नहीं तो दिल्ली जाकर पक्का मोर्चा लगा देंगे.
CM भगवंत मान ने किया ट्वीट
CM भगवंत मान ने ट्वीट किया कि 2 साल फौज में भर्ती पर रोक लगाने के बाद केंद्र ने नया फरमान जारी कर दिया है. युवा 4 साल फौज में रहे और बाद में पेंशन भी न मिले, तो यह फौज का भी अपमान है. ये देश के युवाओं के साथ धोखा है. देश भर के युवाओं का गुस्सा बिना सोचे-समझे लिए फैसले का नतीजा है.
प्रदर्शनकारियों की मांग जायज- अरविंद केजरीवाल
इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की नई घोषित अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं की मांग जायज है. केजरीवाल ने कहा कि देश के युवाओं के सपनों को सिर्फ चार साल तक बांधकर रखना सही नहीं है. जैसा कि देश ने गुरुवार को कई राज्यों में आंदोलन और विरोध देखा, दिल्ली के सीएम ने ट्वीट कर कहा कि “सेना भर्ती में केंद्र सरकार की नई योजना का देश में हर तरफ विरोध हो रहा है. युवा बहुत नाराज हैं. उनकी मांग एकदम सही है. सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को 4 साल में बांधकर मत रखिए.”
दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा- जिंदगीभर देश की सेवा करने का मौका दे केंद्र सरकार
केजरीवाल ने केंद्र से अपील की कि वह युवाओं को सिर्फ चार साल नहीं, बल्कि जीवनभर देश की सेवा करने का मौका दें. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि युवाओं को 4 साल नहीं, पूरी जिंदगी देश सेवा करने का मौका दिया जाए. पिछले दो साल सेना में भर्तियां ना होने की वजह से जो ओवरएज हो गए, उन्हें भी मौका दिया जाए. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा देने के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को मंजूरी दी. इस योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के लगभग 46,000 सैनिकों को 3 सेवाओं में चार साल के अनुबंध में भर्ती किया जाएगा. इस योजना के तहत चयनित युवाओं को अग्निशामक के रूप में जाना जाएगा. हालांकि, इस घोषणा को पूरे देश में आंदोलन और विरोध का सामना करना पड़ा है.
युवा कर रहे हैं अग्निपथ योजना का विरोध
केंद्र सरकार सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई है. जिसमें युवाओं को 4 साल की नौकरी दी जाएगी. इसमें 6 महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है. 4 साल बाद सिर्फ 25 फीसदी युवकों को फौज में रखा जाएगा. बाकी 75 प्रतिशत की छुट्टी हो जाएगी. उस वक्त उन्हें एकमुश्त कुछ रकम दी जाएगी. युवा इस बात का विरोध कर रहे हैं कि 4 साल काम के बाद वह कहां जाएंगे ? हालांकि केंद्र और भाजपा तर्क दे रही है कि अग्निपथ स्कीम में शामिल हुए अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
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