अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश के बालाघाट की सोनेवानी और सिलेझरी के जंगल को अभ्यारण बनाया जाएगा. जिसका अब विरोध शुरू हो गया है. सोनेवानी के 182 वर्ग किमी. के सघन वन को अभ्यारण घोषित किए जाने संबंधी प्रस्ताव के विरोध में सरकार अपनों से ही घिर गई है. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने सीएम शिवराज के अभ्यारण संबंधी प्रस्ताव पर कहा कि यहां अभ्यारण नहीं बनेगा. मेरी लाश पर ही सोनेवानी अभ्यारण्य बनेगा. बिसेन ने यह बयान बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच दिया है.
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दरअसल लालबर्रा वन परिक्षेत्र के सोनेवानी में वन्य प्राणियों की अधिकता को लेकर पूर्व में अभ्यारण्य बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. लेकिन इस प्रस्ताव में अब पेंच फंसने लगा है. मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने विरोध करना शुरू कर दिया है. सोनेवानी वन परिक्षेत्र को अभ्यारण्य बनाने पर हजारों घर तबाह हो जाएंगे.
इससे पहले सीएम शिवराज को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया था कि सोनेवानी वन क्षेत्र की सीमा से मैगनीज और अन्य खदानें लगी हुई हैं. रमरमा, बोटेझरी, सिर्रा, कोचेवाही, पेंदीटोला, सिलेझरी, लालबर्रा और कटंगी तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के ग्रामीण इन खदानों में कार्य करते हैं. इन खदानों पर 1000 से अधिक परिवार निर्भर हैं. इतना ही नहीं खदानों के संचालन से क्षेत्र का सामाजिक व आर्थिक विकास भी हो रहा है. ऐसे में उक्त क्षेत्र को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार ईको सेंसेटिव जोन की परिधि में शामिल किया जाता है तो इससे काफी नुकसान होगा.
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