शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में मोहन सरकार की ओर से कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नति के लिए जारी किए गए नए नियमों के विरोध के स्वर बड़े हो चले हैं। आज गुरुवार को मंत्रालय के मुख्य द्वार पर सामान्य वर्ग के कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति नियम 2025 को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। ST/SC वर्ग के कर्मचारियों-अधिकारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का विरोध हो रहा है।
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हम आरक्षण के विरोधी नहीं- सुधीर नायक
मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि हम आरक्षण के विरोधी नहीं है, लेकिन अनारक्षित पदों पर आरक्षित वर्ग को अवसर दिया जाना विधि विरुद्ध है। इससे अनारक्षित पदों पर भी आरक्षित वर्ग के लोग पहुंचेंगे। ऐसा 2002 के पदोन्नति नियम के कारण हो चुका है।
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सपाक्स ने 29 जून को बुलाई बैठक
इधर सपाक्स (स्पीक) ने भी इस मामले को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सपाक्स ने 29 जून को बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी कर्मचारी-अधिकारी संगठनों को बुलाया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि जिला स्तर पर नए नियम का विरोध किया जाएगा। उनकी मांग है कि यूपी में जो नियम है, वह फॉलो होना चाहिए। सामान्य वर्ग के कर्मचारियों की दलील है कि जब देश एक है, तो नियम अलग-अलग क्यों ?
मंत्रालय में वर्तमान आरक्षित पद स्थिति
- अंडर सेक्रेट्री के 65 पद में से 58 पदों पर आरक्षित वर्ग के अधिकारी पदस्थ हैं
- उप सचिव के 14 पद हैं, जिनमें से सभी पदों पर आरक्षित वर्ग के अफसर पदस्थ हैं
- अपर सचिव के तीन पद हैं और तीनों ही पदों पर आरक्षित वर्ग के अफसर पदस्थ हैं
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