रायपुर। विधानसभा में विपक्ष ने गौशालाओं में गायों की मौत का मामला उठाया. भूपेश बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘अनुदान राशि में जमकर बंदरबांट किया गया है’. उन्होंने कहा है कि जिले के तीन गौशालाओं का हमने भी दौरा किया, इनमें गायों को ठूंस-ठूंस कर रखा गया था. बघेल ने कहा कि गायों को ना तो चारा दिया जा रहा था और ना ही पानी.

गौशालाओं में गायों की मौत के मामले में आरोपी व्यक्ति ने जेल से छूटने के बाद आरोप लगाया कि गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष को कमीशन नहीं दी, इसलिए कार्रवाई की गई. भूपेश ने कहा कि गौशालाओं में गाय की हड्डियां और चमड़े बेचे जाने की भी खबर है.

इस पर कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पंजीकृत गौशालाओं को हर तीन महीने में अनुदान दिया जाता है. 725 रुपए प्रति गाय के हिसाब से अनुदान राशि दी जाती है. एक गौशाला को एक साल में अधिकतम 20 लाख रु तक का अनुदान दिया जा सकता है.

कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गौशालाओं को पैसा कमाने का माध्यम बना लिया गया है. उन्होंने कहा कि तीन गौशालाओं की जांच जॉइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों ने की है. गौशाला संचालकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि गौशालाओं को सील करने की कार्रवाई की गई. गायों की मौत के मामले में न्यायिक जांच आयोग का गठन भी किया गया है. साथ ही मंत्रिमंडलीय उप समिति का भी गठन किया गया है, जो सुझाव आएंगे, उसका पालन किया जाएगा.

कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गौशालाओं के अध्यक्ष बिशेसर पटेल बेहद ईमानदार व्यक्ति है. मैं इस सदन में इस बात को कहता हूं.

उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि गायों के पेट में भोजन नहीं था. ठंड की वजह से गाय बीमार पड़ गई.

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेसियों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.