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आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल- बचेली में पिछले 60 वर्षों से संचालित एनएमडीसी खदानों के निजीकरण का विरोध शुरू हो गया है. इसके लिए ट्रेड यूनियन्स अब सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयार है.
खदान क्षेत्र में सक्रिय ट्रेड यूनियन के अनुसार, हाल ही में सर्वे किए गए डिपॉजिट नम्बर 13 को अडानी ग्रुप को देने के लिए एमओयू हुआ है, जिसका भारी विरोध हो रहा है. यहां एनएमडीसी खदानों को संचालित करता है. इससे पूर्व भी नगरनार प्लांट के निजीकरण का विरोध जनप्रतिनिधियों और बस्तरवासियों ने किया था. अब एनएमडीसी की खदानों को उद्योगपति को दिए जाने को लेकर ट्रेड यूनियन सड़क पर उतरने को तैयार हैं.
बचेली ट्रेड यूनियंस के अध्यक्ष राजेश संधू का कहना है कि केंद्र सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों को प्राकृतिक संसाधनों को बेच रही है. एनएमडीसी कम कीमतों पर आसपास के प्रांतों को लोहा दे रहा है, वहीं अडानी ग्रुप इससे अधिक कीमत पर बेचेगा, जिसका फायदा स्थानीय लोगों को नहीं होने वाला, साथ ही सीएसआर मद और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड में भी कोई इजाफा नहीं होने वाला.
ट्रेड यूनियंस का कहना है कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन करेंगे. अडानी ग्रुप को खदान दिए जाने को लेकर काली पट्टी लगाकर वह प्रतिदिन काम करेंगे. आचार संहिता के हटते ही मामले को लेकर आंदोलन उग्र किया जाएगा.