रायपुर. देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायणा हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बिनोद अग्रवाल ने ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी पद्धति से एन्जियोप्लास्टी की है. अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक विगत दिवस झारखंड, गुमला, निवासी,74 वर्षीय, एक मरीज छाती में तेज दर्द, सांस फूलने और थकावट की शिकायत के साथ पहुंचा था. वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.बिनोद अग्रवाल ने सभी प्रारंभिक जांचों एवं एंजियोग्राफी में मरीज की रक्त वाहिकाओं में कई जगह रुकावटें दिखीं, उसकी तीनों मुख्य नसों में Heavy Calcification था, LAD- 70 mm के Long Lesion के साथ 99 ‘/. ब्लॉक थी तथा LCX – 40 mm के Lesion के साथ 40 ‘/. ब्लॉक थी इसी तरह RCAPD -15-20 mm के Lesion के साथ 80-90 ‘/. ब्लॉक थी, साधारणतया ऐसी परिस्थितियों में बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है.

  लेकिन मरीज की उम्र एवं उसकी क्लीनिकल कंडीशन को देखते हुए डॉ बिनोद अग्रवाल और उनकी  कार्डियक टीम ने मरीज के हॉर्ट की नसों में जमा कैल्शियम को तोड़ने एवं ब्लॉकेज को हटाने के लिए कार्डियोलॉजी साइंस के क्षेत्र में वर्तमान में प्रचलित अत्याधुनिक जटिल तकनीक “ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी” का उपयोग किया और “काम्प्लेक्स एंजियोप्लास्टी” द्वारा रक्त वाहिकाओं के ब्लॉकेज को खोल दिया जिससे मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है, विदित हो कि कार्डियोलॉजी साईंस की यह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी भारत में इसी वर्ष, फरवरी 2023 में लांच की गई है और डॉ बिनोद अग्रवाल ने इस पद्धति से छ.ग.में यह केस सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है.

  डॉ विनोद अग्रवाल ने इस नई टेक्नोलॉजी से LAD में 2 स्टैंट, LCX और RCAPD में एक-एक स्टैंट सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित किये.

श्री नारायणा हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ.सुनील खेमका ने इस अवसर पर बताया कि

“कैल्शियम की आधिक्यता से होने वाले ब्लॉकेजेस को तोड़ने के लिए ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी जैसी नई तकनीक अभी तक सिर्फ विदेशों में ही उपलब्ध थी, लेकिन अब यह तकनीक हमारे प्रांत में देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायणा हॉस्पिटल में उपलब्ध है.”