दिल्ली में BJP सरकार की सत्ता में वापसी के बाद, दिल्ली सरकार सेवा विभाग ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान नियुक्त ‘को-टर्मिनस स्टाफ’ (पर्सनल स्टाफ) की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. भारत के राष्ट्रपति ने 20 फरवरी को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिल्ली के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति की है. नवनिर्वाचित सरकार के गठन के लिए सभी श्रेणियों के कर्मचारियों की नई नियुक्ति की आवश्यकता होती है, इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के त्यागपत्र देने पर उनके पर्सनल स्टाफ (को-टर्मिनस स्टाफ) की नियुक्तियां समाप्त मान ली जाती हैं.

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विभागीय अधिकारियों को रिपोर्ट करें पर्सनल स्टाफ

पूर्ववर्ती सरकार ने गैर-अधिकारिक कर्मचारियों को दूसरे विभागों में नियुक्त किया था, उन्हें अपने मूल विभागों के संबंधित अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट करने का आदेश दिया था. कुछ दिन पहले, दिल्ली के मुख्य सचिव ने सभी विभागों को गैर-अधिकारिक कर्मचारियों की लिस्ट बनाने के आदेश दिए थे.

दिल्ली सरकार सेवा विभाग ने कहा कि दानिक्स, डीएसएस और स्टेनो कैडर के नियमित कर्मचारी अगले आदेश तक नवनियुक्त मुख्यमंत्री या मंत्री के अधीन अपने-अपने कार्यालयों में काम करते रहेंगे.

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दरअसल, सरकारी व्यवस्था में “गैर-आधिकारिक कर्मचारी” का अर्थ व्यक्तिगत या गैर-आधिकारिक कर्मचारी होता है. ऐसे कर्मचारियों को सरकारी विभाग में स्थायी तौर पर नियुक्त नहीं किया जाता है, इसलिए इन्हें परमानेंट सिविल सर्विस का हिस्सा नहीं माना जाता है और इन्हें सरकारी पद भी नहीं दिया जाता है.

सरकारी बोर्डों या समितिओं में सलाहकार या निर्णय लेने वाले पदों पर काम करने वाले कर्मचारी बतौर विशेषज्ञ और सहयोगी होते हैं और महत्वपूर्ण काम करते हैं.