धमतरी. जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी के द्वारा जारी किए गए एक विवादित आदेश पर बवाल मच गया है. आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन के निर्देश जारी किए हैं. जिसे लेकर शिक्षक समुदाय ने सवाल खड़ा किया है.
शिक्षाकर्मी मोर्चा के संचालक संजय शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि किसी भी शिक्षक को पुलिस वेरिफिकेशन, चरित्र सत्यापन और मेडिकल जांच के बाद ही नौकरी मिलती है. नौकरी पाने के बाद यदि उसपर किसी भी प्रकार का कोई मामला दर्ज होता है तो उसे तत्काल सेवा से निलंबित या बर्खास्त कर दिया जाता है. जिसका सीधा सा मतलब है कि जो शिक्षक वर्तमान में सेवा में हैं, उन पर किसी भी प्रकार का कोई आरोप दर्ज नहीं है. इसके बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस प्रकार का आदेश जारी करना समझ से परे है.
शिक्षकों को विगत कई माह से वेतन प्राप्त नहीं हुआ है और वे अन्य कई प्रकार की समस्याओं से भी जूझ रहे हैं. अधिकारी उस पर ध्यान देने की बजाय बोर्ड एग्जाम से ठीक पहले इस प्रकार के आदेश जारी कर शिक्षकों/शिक्षाकर्मियों को परेशान कर रहे हैं. इस आदेश का शिक्षक मोर्चा ने विरोध करते हुए कहा कि इससे पूर्व छात्रों के द्वारा मूत्रालय प्रयोग के निरीक्षण का भी आदेश धमतरी जिले में ही जारी किया गया था. जिसकी खबरें मीडिया में प्रकाशित होने के बाद उक्त आदेश को निरस्त किया गया था और अब फिर से इसी प्रकार का तुगलकी फरमान जारी किया गया है. शिक्षक मोर्चा ने कहा कि कोई भी शिक्षाकर्मी इस आदेश का पालन नहीं करेगा.