नई दिल्ली . दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि जहां आरोपी दिव्यांग हों और उसकी विशेष जरूरत है, वहां परीक्षण करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद के लिए बुनियादी ढांचा और वित्तीय सहायता दी जाए.
कोर्ट का कहना था कि इसके जरिए दिव्यांग आरोपी एवं शिकायतकर्ता सहायक प्रौद्योगिकी की मदद से न्यायिक कार्यवाही में समान रूप से भाग ले सकता है.
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि यह स्वीकार करने की जरूरत है कि दिव्यांगों को रूढ़िवादी गलत धारणा के आधार पर दया या संरक्षण देने के बजाय सहूलियत के आधार पर अपना मामला सुनने व समझने की व्यवस्था की जाए. पीठ ने यह फैसला राकेश कुमार कालरा बधिर दिव्यांग द्वारा दायर याचिका पर पारित किया है. याचिका में दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 84 के अनुसार विशेष अदालत गठित करने और आपराधिक मुकदमे के दौरान याचिकाकर्ता के लिए व्यवस्था करने के निर्देश देने की मांग की गई थी.